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जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण (Gurjjar Reservation) पर राजनीति शुरू होती दिख रही है।  आज लगभग ढाई साल बाद एक बार फिर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने, भरतपुर के बयाना के अड्डा गांव में गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया है। खबर के अनुसार इस महापंचायत में गुर्जर बहुल 80 गांव के करीब 20 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। 

CM अशोक गहलोत ने किये इन्तेजाम :

इधर मौके की नजाकत को समझते हुए CM अशोक गहलोत ने गुर्जर संघर्ष समिति के सदस्यों से वार्ता के लिए सीनियर IAS अफसरों के अलावा भरतपुर और करौली कलेक्टर को भी दल बल के साथ मौके पर भिजवा दिया  है। 

बता दें कि पिछली बार हुई तोड़फोड़ से सीख लेते हुए प्रशासन ने बयाना बैर रुपावास भुसावल समेत करौली और भरतपुर के कई इलाकों में बीते शुक्रवार की रात 12:00 बजे से लेकर शनिवार की रात 12:00 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।  यही नहीं करीब 2500 सुरक्षाबलों को पूरे इलाके में तैनात कर दिया गया है। 

क्या है गुर्जरों की सबसे प्रमुख मांग :

खबर है कि इस बार गुर्जरों की सबसे प्रमुख मांग मोदी सरकार से है जो कि इस प्रकार है। 

  • आरक्षण की व्यवस्था राजस्थान की वर्तमान को केंद्र की नौवीं अनुसूची में भी शामिल किया जाए
  • कलॉग की भर्तियां निकालकर उसमें भी 5 % आरक्षण नियमानुसार सब को दिया जाए
  • विशेष आरक्षण कोटे से भर्ती हुए 1252 कर्मचारियों को अब नियमित भी  किया जाए।  
  • आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों को नौकरी और मुआवजा दिया जाए
  • गुर्जरों के लिए लागू देवनारायण योजना को सही ढंग से लागू हों 
  • गुर्जर आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मुक़दमे वापस हों

बता दें कि अबकी बार भी गुर्जर आंदोलन का मुख्य केंद्र पीलू ही है जहाँ पहले भी गुर्जर आंदोलन होते आये हैं।