Resignation of Dr. Shahid Jameel, the Chief of the group who prepared the strategy to fight Corona, had made allegations against the government for ignoring the evidence, now the politics is heating up
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    नई दिल्ली: देश में कोरोना (Corona Virus) का कहर जारी है। भारत (India) में कोरोना की चपेट में हो रहीं मौतों ने सरकार की चिंता बढ़ा रखी है। तो वहीं इस बीच जानेमाने सार्स-कोविड जीनोम कंसोर्शियम (INSACOG) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सलाहकार ग्रुप के चीफ डॉ. शाहिद जमील (Dr. Shahid Jameel) ने अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को इस बारे में जानकारी दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ. जमील ने इस्तीफा से कुछ दिन पहले कहा था कि, देश में अधिकारी सेट पॉलिसी के तहत सबूतों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डॉ. जमील के इस्तीफे के बाद देश में राजनीति गरमा गई है।

    ओवैसी भड़के, कहा- सलाहकार समिति की सलाह पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया

    हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा कि, INSACOG जो कि सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार समिति है, उसके प्रमुख एस. जमील ने इस्तीफा दे दिया है। INSACOG ने ही पीएमओ को मार्च की शुरुआत में कोरोना के इंडियन म्यूटेंट के बारे में चेतावनी दी थी।” ओवैसी ने दावा करते हुए आगे लिखा, सलाहकार समिति की इस सलाह पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, एस. जमील ने भी माना कि सरकार ने विज्ञान को गंभीरता से नहीं लिया है। हम आज मोदी की वैज्ञानिक समझ की कीमत चुका रहे हैं।

    इस्तीफे पर कांग्रेस ने भी साधा केंद्र पर निशाना

    सलाहकार मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबर के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “देश के सर्वोत्तम विषाणु वैज्ञानिक डॉ. शाहिद जमील का इस्तीफा दुखद है। मोदी सरकार में वैसे प्रोफेशनल्स की कोई जगह नहीं है, जो बिना डर या पक्षपात के अपनी राय रखते हैं।”

    डॉ. जमील ने जाहिर की थी सामने आ रही परेशानियां

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क टाइम्स में पिछले दिनों लिखे एक लेख में डॉ. जमील ने कहा था कि, भारत में वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पॉलिसी बनाने को लेकर अड़ियल रवैये का सामना करना पड़ रहा है। भारत के कोविड मैनेजमेंट में कई समस्याएं हैं। इनमें कम टेस्टिंग, धीमी रफ्तार से वैक्सीनेशन और वैक्सीन की कमी शामिल है। इसके अलावा हेल्थकेयर वर्क फोर्स को भी बढ़ाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि, डॉ. जमील ने कहा था कि, इन सभी उपायों को लेकर भारत में उनके कई साथी वैज्ञानिकों का समर्थन मिल रहा है। कई भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि, उन्हें डाटा मुहैया कराया जाए, ताकि वो वायरस के बारे में अंदाजा लगाने और उसे रोकने के लिए स्टडी कर सकें। लेकिन डाटा के आधार पर फैसला न लेना एक और आपदा है, क्योंकि भारत में महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई है।

    डॉ. जमील ने मार्च महीने में ही सरकार को अलर्ट किया था

    एक रिपोर्ट में बताया गया था कि, डॉ. जमील ने मार्च में ही चेतावनी दे दी थी कि भारत में ज्यादा संक्रामक और नए प्रकार का कोरोना वायरस फैल रहा है। B.1.617 वैरिएंट कोरोना वायरस की वजह से ही देश कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर का सामना कर रहा है।