Ravishankar-Prasad
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    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने बताया कि, केंद्र सरकार ने गांव में इंटरनेट पहुंचने के की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत 16 राज्यों में भारतनेट (Bharat Net) के लिए 19,041 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इस योजना से इन राज्यों के करीब 90 हजार गांव को फायदा होगा।”

    ढाई लाख गांव को जोड़ा जाएगा

    केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि, “इन्फार्मेशन हाईवे हर गांव तक पहुंचे इस दिशा में सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया है। पिछले 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से PM ने घोषित किया था कि 1000 दिन में 6 लाख गांवों में भारत नेट के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड लाएंगे।”

    उन्होंने कहा कि, “आज इस दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है। हम 1.56 लाख ग्राम पंचायतों में पहुंच चुके हैं। देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना था। आज भारत नेट को PPP के माध्यम से देश के 16 राज्यों में 29,432 करोड़ रुपये के कुल खर्च पर हमने मंजूरी दी है।”

    प्रसाद ने आगे बताया कि, “जिसमें भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग 19,041 करोड़ रुपये होगी। ये हम देश के 3,61,000 गांवों में जो 16 राज्यों में हैं वहां PPP के माध्यम से ला रहे हैं। हमने इसे 16 राज्यों में 9 पैकेज बनाया है। किसी एक प्लेयर को 4 पैकेज से अधिक नहीं मिलेगा।”

    आर्थिक पैकेज के प्रस्ताव को मंजूरी 

    पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि, “वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 दिन पहले एक बड़ा निर्णय घोषित किया था कि जिनको कोविड के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ऐसे सभी क्षेत्रों को 6,28,000 करोड़ रुपये की मदद का खाका बताया था। कैबिनेट ने आज उसे मजूरी दी।”

    बिजली कंपनियों के लिए योजना 

    उर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि, “कैबिनेट ने पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना को मंजूरी दी; योजना आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सशर्त वित्तीय सहायता प्रदान करके निजी क्षेत्र के DISCOMs को छोड़कर सभी DISCOMs / बिजली विभागों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना चाहती है”

    उन्होंने बताया कि, “आज कैबिनेट ने 3,03000 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की है । जो वितरण कंपनियां घाटे में हैं वे इस योजना से पैसा तब तक नहीं ले पाएंगी जब तक वे घाटा कम करने के लिए अपनी योजना बना लें, राज्य सरकार से इस पर सहमति लें और हमको दें।”