RSS ने ली नई जिम्मेदारी, वेश्यावृत्ति में फंसी महिलाओं के बच्चों को लिया गोद, सेवा भारती संगठन ने उठाया कदम

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    नई दिल्ली: वेश्यावृत्ति एक ऐसा व्यवसाय है, जो कोई लोग मजबूरी में करते हैं, या तो कोई स्वेच्छा से करता है। लेकिन इन महिलाओं के बच्चों का भविष्य क्या होगा कभी आपने सोचा है। जी आज एक बढ़ी राहत वाली खबर आपको बताने जा रहे हैं। जी हां RSS के भारती सेवा संगठन ने एक बेहतर कदम उठाया हैं। जिसके तहत देह व्यापार कर रही महिलाओं के बच्चों को पनाह मिलने वाली हैं। (RSS took new responsibility, adopted the children of women trapped in prostitution, Seva Bharti organization took steps)

    ”अपराजिता” एक नया अभियान 

    अपराजिता का अर्थ होता है जो कभी हार न माने… इस अनूठी पहल के साथ आरएसएस (RSS) का सेवा भारती दिल्ली में वेश्यावृति (Prostitution) की कमर तोड़ने के दावे के साथ आगे आया है। दिल्ली (Delhi) का जीबी रोड (GB Road) वेश्यावृत्ति के लिए काफी फेमस है। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जीबी रोड पर वेश्यावृत्ति पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है। एक सर्वे के मुताबिक़ जीबी रोड पर सन् 1860 में अंग्रेजों के समय में करीब 15 महिलाओं के साथ ये धंधा शुरू हुआ था और अब करीब 2800 महिलाएं इस पेशे में जीबी रोड पर हैं। 

    वेश्यावृत्ति पर रोक लगाने की पहल 

    पेशे में जबरन झोंकने के लिए अलग अलग राज्यों से लड़कियों को बहला फुसलाकर, अगवा करके लाया जाता है और जीबी रोड के कोठों पर बेच दिया जाता है, लेकिन सर्वे के मुताबिक़ अब एक बड़ी संख्या ऐसी भी हो गई है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस पेशे में झोंकी जा रही है। कोई और रास्ता ना मिलने के कारण इस पेशे में शामिल महिलाओं की बच्चियों को भी इस दलदल में मजबूरी में उतरना पड़ता है। इसलिए वेश्यावृत्ति की इस चेन पर रोक लगाने के लिए आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती ने “अपराजिता” के नाम से एक अनूठी पहल शुरू की है।

    बच्चों के लिए ये है सुविधा 

    इसके माध्यम से जीबी रोड पर इस पेशे में मौजूद महिलाओं की करीब 5 से 7 साल उम्र की बच्चियों को गोद लिया गया है। दिल्ली के शांति निकेतन इलाके में इन बच्चियों के रहने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था की गई है। भारती के प्रदेश अध्यक्ष रमेश अग्रवाल के मुताबिक अभी इस हॉस्टल में 9 बच्चियों के साथ शुरुआत की गई है। इन सभी बच्चियों की मां जीबी रोड के अलग अलग कोठों में वेश्यावृति के पेशे में लिप्त हैं। ये बच्चियां उस दलदल में ना फंसे इसके लिए “अपराजिता” को शुरू किया गया है। धीरे धीरे ऐसी बच्चियों की संख्या 100 तक करने की योजना सेवा भारती की है। रमेश अग्रवाल ने कहा कि जब बच्चियां ही उन कोठों से समय पहले बाहर हो जायेंगी तो उस पेशे की कमर ही टूट जायेगी। बच्चियों की सुरक्षा के लिए हॉस्टल में CCTV कैमरों के अलावा महिला गार्ड्स की नियुक्ति की गई है। हर समय महिला वार्डन और केयरटेकर मौजूद रहेंगी। 

    क्या है सेवा भारती की भूमिका 

    अपराजिता की अध्यक्ष जॉली सुनीला सप्रा के अनुसार इन बच्चियों को सेवा भारती की सहायता से स्कूलों में एडमिशन दिलाया जायेगा और इसके साथ ही हॉस्टल में भी टीचर्स की व्यवस्था की गई है, जो पढ़ाई के साथ साथ ड्रॉइंग, डांस, क्राफ़्ट जैसी एक्टिविटी भी करवायेंगी। बड़े होने पर उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोफेशनल कोर्स भी करवाये जायेंगे और इनकी शादी तक में सेवा भारती भूमिका निभायेगा।