पार्टी पद देती है, पार्टी पद ले भी सकती है: सचिन पायलट

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नई दिल्ली: राजस्थान में 11 जुलाई से शुरू राजनीतिक संकट अब गया है. सचिन पायलट एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी से मिलने उनके आवास पहुंचे आवास पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ सभी समर्थक विधायक भी मौजूद है. दोनों नेताओं बीच होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और अहमद पटेल 15 जीआरजी रोड वार रूम में मौजूद थे. बैठक के बाद बाहर निकले पायलट ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए कहा, ” पिछले कुछ समय से कुछ विधायक दिल्ली में थे, कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर हम प्रकाश डालना चाहते थे. मैंने वह किया. मैं शुरू से कह रहा हूं कि ये सभी चीजें सिद्धांत पर आधारित थीं. मैंने हमेशा सोचा कि पार्टी के हित में इन चीजों को उठाया जाना आवश्यक है.”

मेरे खिलाफ कही बातों से दुखी 
पायलट ने आगे कहा, “कई बातें कही गईं, मैंने बहुत सी बातें सुनीं. जो कुछ कहा गया उससे मैं हैरान था. मुझे लगता है कि हमें हमेशा संयम और विनम्रता बनाए रखना चाहिए. राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष के लिए कोई जगह नहीं है. हमने 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद राजस्थान में सरकार बनाई थी.”

समिति बनाने के लिए शुक्रिया 
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” सोनिया गांधी जी ने हमारी सभी चिंताओं और शासन के मुद्दों को सुना जो हमने उठाए. कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा 3 सदस्यीय समिति का गठन एक स्वागत योग्य कदम है. मुझे लगता है कि सभी मुद्दों को हल किया जाएगा.” 

पद की इच्छा नहीं, स्वाभिमान की बात 
पायलट ने कहा,”पार्टी हमें पद देती है और वापस भी ले सकती है. मुझे किसी पद की कोई इच्छा नहीं है लेकिन मैं चाहता था कि हमारा स्वाभिमान बरकरार रहे. मैंने अब 18-20 साल के लिए पार्टी में योगदान दिया है. हमने हमेशा उन लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है जिन्होंने सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.”

दो घंटे तक चली मुलाकात 
इसके पहले सोमवार सुबह सचिन पायलट और राहुल गाँधी के बीच करीब 2 घंटे तक बैठक चली. जिसमें पायलट ने अपने नाराज़गी को लेकर हर एक बात सामने रखी. सूत्रों से मिली जानकरी के गाँधी के सामने सचिन ने सुलह के लिए दो शर्तें रखी. जिसमें भविष्य में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए, साथ में प्रदेश अध्यक्ष का पद भी उनके पास रखा जाए. दूसरी शर्त में पायलट ने अपने समर्थक विधायकों में से एक को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की साथ में कई को कैबिनेट मंत्री भी बनाया जाए. 

टेप कांड की नही होगी जाँच 
पायलट समर्थक विधायकों के बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया कि अब किसी भी तरह की कोई भी पुलिस कार्रवाई नहीं की जाएगी. विधायकों के खरीद-फरोख्त के टेप कांड की जांच भी बंद होगी.