नयी दिल्ली. खाकी और खादी का आपस में गहरा रिश्ता रहा है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब ऐच्छिक सेवानिवृति प्राप्त बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) के राजनीति के अखाड़े में उतरने कि बात चली। हालाँकि अभी इस पर पांडेय ने कुछ साफ़ नहीं किया है। लेकिन अब शिवसेना के कद्दावर नेता और पार्ट प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने इसे गुप्तेश्वर पांडेय का ‘राजकीय तांडव’ बताया।
The party which makes him a candidate, will not be trusted by the people. The agenda behind his ‘rajkiya taandav’ over Maharashtra is clear now. He was running a political agenda with his statements over Mumbai case and he is going to receive his reward: Sanjay Raut, Shiv Sena https://t.co/uicpJsepQb pic.twitter.com/MEeG9jw0Kc
— ANI (@ANI) September 23, 2020
दरअसल ऐच्छिक सेवानिवृति लेने के एक दिन बाद बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने आज यानि बुधवार को कहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है। वहीं अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने सेवाकाल के दौरान अपनी मुखरता को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं जोड़ कर देखे जाने के बारे में उन्होंने कहा, ”कोई कुछ भी बोल सकता है। सुशांत मामले से मेरे वीआरएस का कुछ भी लेना—देना नहीं है।”
I have not joined any political party as of now and I have not taken any decision on it yet. As far as social work is concerned, I can do it without entering politics too: Gupteshwar Pandey
He recently took VRS from his services in Bihar Police as Director General of Police(DGP) pic.twitter.com/z23isehv12
— ANI (@ANI) September 23, 2020
चुनाव लड़ने के बारे में अपनी योजना के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा, ”मैं चुनाव लड़ुंगा, यह भी मैंने अभी कहां कहा है। बक्सर, बेगूसराय, जहानाबाद और वाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र सहित कई जिलों के शुभचिंतकों का दबाव है।” वहीं BJP में शामिल होने कि बात पर उन्होंने कहा था कि,” मैं अभी किसी राजनीतिक दल में न शामिल हुआ हूं और न ही राजनीतिक व्यक्ति हूं। जब मैं तय करुंगा कि राजनीति में जाना और कौन दल में शामिल जाना है वह भी मैं बताउंगा।”
अब उनके इसी कथनी पर महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने इसे गुप्तेश्वर पांडेय का ‘राजकीय तांडव’ करार दिया। उन्होंने मीडिया के साथ हुए अपनी बात में कहा कि, गुप्तेश्वर पाण्डेय का महाराष्ट्र पर उनके ‘राजकीय तांडव’ के पीछे का एजेंडा अब स्पष्ट हो गया है। यह व्यक्ति मुंबई मामले पर अपने बयानों के साथ एक राजनीतिक एजेंडा चला रहा था और अब उन्हें इसका पुरस्कार प्राप्त होने जा रहा है। अब जो भी जो पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है, उस पार्टी विशेष पर लोगों का भरोसा कभी भी कायम नहीं होगा।
The party which makes him a candidate, will not be trusted by the people. The agenda behind his ‘rajkiya taandav’ over Maharashtra is clear now. He was running a political agenda with his statements over Mumbai case and he is going to receive his reward: Sanjay Raut, Shiv Sena https://t.co/uicpJsepQb pic.twitter.com/MEeG9jw0Kc
— ANI (@ANI) September 23, 2020
चाहे जो हो इतना तो स्पष्ट है कि खादी और खाकी एक दुसरे के पूरक हैं और संविधान में दोनों की ही अपनी एक जगह और रुतबा है । फिलहाल इस मामले में खादी और खाकी कितना एक दुसरे का साथ निभाएंगे यह तो वक़्त ही बताएगा। लेकिन यहाँ तो यक्ष प्रश्न यह है कि कभी खाकी धारण किया हुआ व्यक्ति खादी को कब धारण करेगा यह भी वक़्त को ही पता होगा ।