नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने आत्मनिर्भर भारत (Self Reliance India) के मद्देनज़र बड़ा निर्णय लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (Cabinet Committee on Security) की बैठक में स्वदेशी फाइटर जेट तेजस (Indigenous Fighter Jet Tejas) के बेड़े को मजबूत करने वाले सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी मिल गई है। इस बात की जानकरी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने दी। इसी के साथ उन्होंने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है।
आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर
रक्षामंत्री ने कहा, ” प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक हुई. इस बैठक में देसी फाइटर जेट लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के भारतीय वायुसेना के बेड़े को मजबूत करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को अपनी मंजूरी दे दी।” उन्होंने कहा, “यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।”
The CCS chaired by PM Sh. @narendramodi today approved the largest indigenous defence procurement deal worth about 48000 Crores to strengthen IAF’s fleet of homegrown fighter jet ‘LCA-Tejas’. This deal will be a game changer for self reliance in the Indian defence manufacturing.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
भारतीय वायुसेना की रीड
राजनाथ सिंह ने कहा, “एलसीए-तेजस आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनने जा रहा है। एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिनमें से कई का प्रयास भारत में कभी नहीं हुआ। एलसीए-तेजस की स्वदेशी सामग्री एमके 1 ए संस्करण में 50% है जिसे 60% तक बढ़ाया जाएगा।”
The LCA-Tejas is going to be the backbone of the IAF fighter fleet in years to come. LCA-Tejas incorporates a large number of new technologies many of which were never attempted in India. The indigenous content of LCA-Tejas is 50% in Mk1A variant which will be enhanced to 60%.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
समय पर होगी आपूर्ति
उन्होंने आगे कहा, “एचएएल ने पहले ही अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजनों में दूसरी पंक्ति की विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं। संवर्धित बुनियादी ढांचे से लैस एचएएल एलसीए-एमके 1 ए उत्पादन को भारतीय वायुसेना के लिए समय पर आपूर्ति करेगा।”
The HAL has already set-up second line manufacturing facilities at its Nasik and Bengaluru Divisions. Equipped with the augmented infrastructure the HAL will steer LCA-Mk1A production for timely deliveries to the IAF.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
नौकरी के नए अवसर होंगे पैदा
रक्षामंत्री ने कहा, “आज लिया गया निर्णय वर्तमान एलसीए पारिस्थितिकी तंत्र का काफी विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा। एचएएल एलसीए एमके 1 ए कार्यक्रम में एक सिस्टम इंटीग्रेटर मॉडल का अनुसरण करता है और एक छाता संगठन के रूप में कार्य करता है, जो निजी उद्योग में विनिर्माण और डिजाइन क्षमताओं को बढ़ावा देता है।”
ख़रीदे जाएंगे 83 नए तेजस
देश में यह अब तक का सबसे बड़े स्वदेसी रक्षा सौदे हैं. इस सौदे के भारत सरकार एचएएल से करीब 83 नए तेजस विमान खरीदेगा। रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार सरकार 40 जेट खरीदने की मंजूरी पहले ही देचुकी है, वहीं 83 नए आने के बाद एयरफोर्स के पास 123 तेजस जेट होंगे। इन सभी 83 फाइटर जेट की आपूर्ति 2029 तक वायुसेना को कर देगी।
DRDO प्रमुख ने इसे बताया ऐतिहासिक
केंद्र सरकार से मिले इतने बड़े आर्डर के बाद डीआरडीओ प्रमुख ड. जी. सतेश रेड्डी ने ख़ुशी जताते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “यह भारतीय वैमानिकी वैज्ञानिक समुदाय और उद्योग के लिए एक महान दिन है। तेजस की सबसे बड़ा आर्डर पाना एक बड़ी उपलब्धि है और तीन दशकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।”
उन्होंने कहा, “यह देश में विभिन्न उन्नत विमान प्रणालियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। मैं इस महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति देने के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
It paves way for the development of various advanced aircraft systems in the country. I want to thank the Prime Minister for giving the approval to this important project: DRDO Chief Dr G Satheesh Reddy on CCS approval for 83 LCA aircraft
— ANI (@ANI) January 13, 2021