मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon) की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौपे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उद्धव
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon) की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौपे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे पीछे हट गए हैं। ठाकरे सरकार ने इसे केंद्र को नही सौपने का फैसला किया हैं। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि ‘एल्गार परिषद केस और भीमा-कोरेगांव केस दो अलग मामले हैं। भीमा-कोरेगांव केस दलित लोगों से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच केंद्र को नहीं सौंपी जाएंगी। इसे केंद्र के हवाले नहीं किया जाएगा। केंद्र को सिर्फ एल्गार परिषद केस दिया गया है।’
"एल्गार आणि भीमा कोरेगाव हे दोन वेगळे विषय आहेत. माझ्या दलित बांधवांचा जो विषय आहे तो भीमा कोरेगाव बद्दल आहे आणि त्याचा तपास मी केंद्राकडे दिलेला नाही आणि देणार नाही आणि मी स्पष्टपणे सांगू इच्छितो की दलित बांधवांवर अन्याय होऊ देणार नाही."
-मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) February 18, 2020
इससे पहले हफ्ते में ही उन्होंने अपनी मंजूरी केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को देने पर हामी भरी थी। जिसके बाद NCP ने ठाकरे सरकार की आलोचना की थी। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को दिए जाने संबंधी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले को अनुचित ठहराया था। पवार ने कहा कि केंद्र ने तो गलत किया की NIA को एल्गार परिषद मामला दिया गया लेकिन इससे ज्यादा गलती राज्य सरकार है जिन्होंने इस फैसले के लिए हामी भरी और मंजूरी डे दी।