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संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि इस बयान पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

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मुंबई. शिवसेना (Shivsena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) पर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) करने की मांग की है। केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे (Raosaheb Danve) ने कहा था कि किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। वहीं संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि इस बयान पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। 

हाल ही में संजय राउत (Sanjay Raut) मुंबई में पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे। रावसाहेब दानवे (Raosaheb Danve) के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा। “अगर कोई केंद्रीय मंत्री इस तरह की जानकारी दे रहा है। तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को तुरंत चीन और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए। अगर बाहरी ताकतें हमारे देश में अस्थिरता और अशांति पैदा कर रही हैं। तो एक देशभक्त के रूप में शिवसेना इस बयान को बहुत गंभीरता से ले रही है। रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के प्रमुखों को गंभीरता से विचार करना चाहिए और तुरंत चीन-पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए। ”

रावसाहेब दानवे (Raosaheb Danve) ने कहा था कि “यह आंदोलन किसानों का नहीं। बल्कि इस किसानों के आंदोलन के पीछे देश के बाहर की साजिश है और इसमें चीन (China), पाकिस्तान (Pakistan) का हाथ है।” इस देश में पहली बार मुस्लिम समुदाय (Muslim Society) को उकसाया जा रहा है। उन्हें यह बताया जा रहा है कि। सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के कारण मुस्लिम समुदाय को देश के बाहर जाना पड़ेगा। लेकिन क्या इससे एक भी मुस्लिम व्यक्ति देश के बहार गया? ऐसा सवाल दानवे ने उपस्थित किया।

 

दानवे (Raosaheb Danve) ने आगे कहा कि, उन्हें लगा यह कुछ खास सफल नहीं हो रहा। इसलिए अब उन्होंने किसानों से कहा कि सरकार आपको नुकसान में डाल रही है। यह एक विदेशी साजिश है। हमारे देश के किसानों को इस बारे में सोचना चाहिए।

राउत  (Sanjay Raut) ने आगे कहा, “पूरे देश को चिंता है कि लाखों किसान सिंघूबॉर्डर पर लड़ रहे हैं। अगर सरकार वास्तव में समाधान निकालना चाहती तो अब तक यह आंदोलन खत्म हो जाता। लेकिन, ज्यादातर सरकार इस मुद्दे को लटकाए रखना चाहती है। महाराष्ट्र, पंजाब और अन्य सभी किसानों की समस्याएं समान हैं। अगर सरकार कानून और कृषि कानून में कुछ बदलाव चाहती है। तो इसकी शुरुआत भाजपा शासित राज्यों से होनी चाहिए। वहां प्रयोग करें, देखें कि क्या होता है और फिर अन्य राज्य इसे स्वीकार करेंगे। शायद पंजाब भी इसे स्वीकार कर लेगा। 

शिवसेना नेता ने आगे कहा, एपीएमसी के मामले में, बिहार में सुधार किए गए थे। बिहार में 900 और पंजाब में 1500 अनाज हैं ऐसी जानकारी मुझे मिली है। क्या बिहार के किसानों को पंजाब जाना पड़ेगा। इसलिए,कृषि अधिनियम में बदलाव भाजपा शासित राज्य में तुरंत लागू किया जाना चाहिए। उसके बाद अध्ययन किया जाएगा और अन्य राज्य इसे स्वीकार करेंगे।