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     बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnatka) के छह मंत्रियों (Ministers) ने बेंगलुरु के एक अदालत (Court) का रूख कर मीडिया (Media) संगठनों को उनके खिलाफ कोई भी ‘‘अपमानजनक या अनधिकृत सामग्री” प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B.S Yedyurappa) के नेतृत्व वाली सरकार के जिन छह मंत्रियों ने शुक्रवार को अदालत का रुख किया उनमें राज्य के श्रम मंत्री शिवराम हेबर, कृषि मंत्री बी सी पाटिल, सहकारिता मंत्री एस टी सोमशेखर और परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर शामिल हैं।

    दो अन्य मंत्रियों में युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री के सी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भयारथी बासवराज शामिल हैं। मंत्रियों की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त नगर सिविल सत्र न्यायाधीश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मामले में शनिवार को फैसला सुनाए जाने की संभावना है। ये छह मंत्री उन 17 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बगावत की थी, जिससे जुलाई 2019 में सरकार गिर गयी थी और भाजपा के सत्ता में आने का रास्ता खुला था।

    अपनी संबंधित पार्टियों से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गये और दिसंबर 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने। रमेश जरकिहोली ने हाल ही में अपने खिलाफ आपत्तिजनक सीडी बरामद होने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच इस्तीफा दे दिया था । जरकिहोली उन 16 बागी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे ओर मंत्री बने थे। मंत्रियों के इस कदम की पुष्टि करते हुए परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने ट्वीट कर कहा कि कुछ ‘‘ईमानदार” मंत्रियों की छवि खराब करने, उनका अपमान करने के इरादे से राजनीतिक साजिश की आशंका के बीच मंत्रियों ने अदालत का रुख किया है।