गलवान घाटी में झड़प : थल सेना, नौसेना, वायु सेना ने बढ़ायी चौकसी

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नयी दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। गलवान घाटी में सोमवार की रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं।

सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है। सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आपसी संपर्क के नियम अब से अलग होंगे। प्रधानमंत्री ने इसके बारे में व्यापक नीति का उल्लेख किया है।”

चीन को एक कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शाम को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें किसी भी घटना से निपटने के लिए एलएसी के पास सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने भी अग्रिम मोर्चे वाले अपने सभी ठिकानों पर अलर्ट बढ़ाते हुए एलएसी पर नजर रखने को कहा है।

सूत्रों ने बताया कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश देने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ा रही है। सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बल चीनी सेना की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का दृढ़ता के साथ जवाब देंगे। इस दौरान, दोनों सेनाओं के मेजर जनरल स्तर की वार्ता का एक और दौर हुआ, जिस दौरान गतिरोध वाले बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच एक समझौते को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की गई। पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। (एजेंसी)