नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि शहर के कुछ अस्पताल कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं और बेड आवंटित करने के लिए लाखों रुपये मांग रहे हैं । उन्होंने ‘बेड की कालाबाजारी’ करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी । केजरीवाल ने जोर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए अस्पताल में बेड की कोई कमी नहीं है और उपलब्ध बेड पर नजर रखने के लिए दिल्ली सरकार हर निजी अस्पताल में एक चिकित्सा पेशेवर को तैनात करेगी । उन्होंने कहा कि सरकार को पता चला है कि कुछ अस्पताल कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं और ‘बेड की कालाबाजारी’ में लिप्त हैं ।
#WATCH Live – Chief Minister Arvind Kejriwal’s address to the people of Delhi. #COVID19 https://t.co/T3oR93OLcx
— ANI (@ANI) June 6, 2020
उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और वे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते । इसमें लिप्त माफिया को खत्म करने में कुछ समय लगेगा। ऐसे कुछ अस्पतालों की राजनीतिक पहुंच है लेकिन वे भ्रम में नहीं रहें कि उनके राजनीतिक आका उन्हें बचा लेंगे ।” हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली के अधिकतर निजी अस्पताल अच्छे हैं और इनमें से कुछ ही इस तरह के कदाचार में लिप्त हैं ।
#WATCH Some hospitals are denying admission to #COVID19 patients. I am warning those who think they will be able to do black-marketing of beds using the influence of their protectors from other parties, you will not be spared: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal pic.twitter.com/1usHkXJS15
— ANI (@ANI) June 6, 2020
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित करने में क्या दिक्कतें आ रही हैं, इसका पता लगाने के लिए वह अस्पतालों के मालिकों से बात कर रहे हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 की जांच नहीं रोकी गयी है जैसा कि मीडिया के कुछ धड़े में कहा गया है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में 36 सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के नमूने की जांच की जा रही है और अनियमितता मिलने पर छह प्रयोगशाला के खिलाफ कार्रवाई की गयी है ।