अंतरिक्ष नीति, अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक अंतिम चरणों में : इसरो अध्यक्ष

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नयी दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष नीति और अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक अंतिम चरणों में है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने अंतरिक्ष को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला किया है। पिछले कुछ समय से अंतरिक्ष के लिए एक विशेष नीति और अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए कानून पर काम चल रहा है। इसी बीच सरकार ने निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति दी है।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिवन से जब पूछा गया कि क्या सरकार अंतरिक्ष कानून ला रही है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमें निश्चित रूप से यह भी करना है।” सिवन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दो पहलू हैं। एक अंतरिक्ष नीति और दूसरा अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक। दोनों अंतिम चरणों में हैं।” सरकार ने पिछल महीने रॉकेट और सैटेलाइट निर्माण जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों में भाग लेने के लिए निजी क्षेत्र को अनुमति देकर भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सुधार की घोषणा की थी।

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि बहुत जल्द मंजूरी के लिए एक प्रणाली शुरू की जाएगी जिससे ये गतिविधियां बिना बाधा के संचालित की जा सकें। अंतरिक्ष नीति और अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक इस रणनीतिक क्षेत्र में कानूनी मुद्दों पर ध्यान देने में मदद करेंगे। सिवन ने पिछले महीने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा था कि एक नयी दिशानिर्देशन नीति भी तैयार की जा रही है और सुदूर संवेदी डेटा नीति तथा सेटकॉम नीति में भी यथोचित बदलाव होने हैं। (एजेंसी)