बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में हिंसा की छिटपुट घटनाएं

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    पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के (Assembly Elections in West Bengal) पांचवें चरण के लिए शनिवार को जिन क्षेत्रों में मतदान (Vote) हो रहा है वहां से हिंसा (Violence) की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दक्षिण बंगाल (South Bengal) में उत्तर 24 परगना, पूर्व वर्धमान और नादिया तथा उत्तर बंगाल में जलपाईगुड़ी,(Jalpaiguri), दार्जिलिंग ( Darjeeling) और कलिम्पोंग जिलों ( Kalimpong Districts) की 45 सीटों पर मतदान जारी है। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय (Office of the Chief Election Officer) के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कर्मी  (Security personnel) हालात पर कड़ी नजर रखे हैं और कुछ घटनाएं सामने आईं जिन्हें संभाल लिया गया। बिधाननगर के शांतिनगर क्षेत्र ( Shantinagar Area of ​​Bidhannagar) में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और भाजपा समर्थकों (BJP Supporters) के बीच झड़प (Clash) हो गई और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मतदाताओं को मतदान के लिए जाने से रोकने का आरोप लगाए।

    अधिकारियों ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने ईंट और पत्थर फेंके जिसमें आठ लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी घटनास्थल पर भेजी गयी। तृणमूल विधायक सुजीत बोस और भाजपा के प्रत्याशी सब्यसाची दत्ता ने स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया।

    सिलीगुड़ी में मतदान केंद्र के बाहर तृणमूल और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। नदिया जिले के शांतिपुर क्षेत्र में तृणमूल की ओर से आरोप लगाया गया कि केंद्रीय बलों के एक कर्मी ने मतदाताओं को वापस जाने के लिए कहा। अधिकारियों ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। इसके अलावा तृणमूल ने आरोप लगाया कि बर्धमान उत्तर और निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर भाजपा द्वारा कब्जा कर लिया गया। विपक्षी दल ने इस आरोप का खंडन किया और चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उत्तर 24 परगना के बीजापुर में विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाने नहीं दिया जा रहा है जिसके बाद तृणमूल और भाजपा समर्थकों में झड़प हुई।

    भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि उसी जिले में मिनखा निर्वाचन क्षेत्र में उसके कुछ बूथ एजेंटों को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने “अगवा” कर लिया। तृणमूल की ओर से कहा गया कि भाजपा के पास सभी बूथों पर तैनात करने के लिए पर्याप्त मात्रा में एजेंट नहीं हैं इसलिए इस प्रकार का निराधार आरोप लगाया जा रहा है।