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जम्मू. शिवसेना (ShivSena) डोगरा फ्रंट (SSDF) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mahbooba Mufti) के तिरंगे झंडे संबंधी बयान को लेकर उनके खिलाफ यहां शनिवार को प्रदर्शन किया। एसएसडीएफ के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी रानी पार्क में हाथ में तिरंगा लेकर एकत्र हुए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और उनकी तस्वीरें जलाईं।

गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम महबूबा और अब्दुल्ला (नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला) जैसे कश्मीरी नेताओं के राष्ट्र विरोधी बयानों को सहन नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीमाएं खोल देनी चाहिए और उन्हें पाकिस्तान एवं चीन भेज देना चाहिए, क्योंकि भारत में उनकी कोई जगह नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय ध्वज हमारा गौरव है और हमारे शहीदों की प्रतिष्ठा है। हमारे बीच ऐसे भी मुसलमान हैं, जिन्हें तिरंगे पर गर्व है।”

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले वर्ष अगस्त में समाप्त किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं। रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा।

गुप्ता ने नेशनल कांफ्रेंस के सांसदों के इस्तीफे की भी मांग की और कहा और ‘‘गुपकर घोषणा पत्र का हिस्सा रहे सभी लोगों को पाकिस्तान और चीन भेज देना चाहिए”। कश्मीर में नेकां और पीडीपी समेत मुख्य राजनीतिक दलों ने इस सप्ताह गुपकर घोषणा पत्र के लिए पीपल्स अलायंस बनाया था, जिसमें पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा बहाल किए जाने की मांग की गई थी। गुप्ता ने संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द किए जाने को स्थायी बताते हुए कहा, ‘‘हम उन्हीं लोगों को अनुमति देंगे, जो दिल से भारतीय हैं।”