States should not be more clear with increasing cases daily: Health Ministry
आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण

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नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि राज्यों को कोविड-19 संक्रमण के मामलों में रोजाना की ‘मामूली वृद्धि’ से चिंतित नहीं होना चाहिए और आक्रामक तरीके से जांच करने, समग्र तरीके से संक्रमितों का पता लगाने और सही उपचार करने पर ध्यान रखने की नीति का पालन करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 31 मार्च को कोविड-19 का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या देश में संक्रमण के कुल मामलों का 88.83 प्रतिशत थी जो आज की तारीख में कम होकर 28.21 फीसदी हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय कोविड-19 के रोगियों में से एक प्रतिशत से भी कम रोगी वेंटिलेटर पर हैं, तीन प्रतिशत से भी कम ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और चार प्रतिशत से भी कम आईसीयू में हैं।”

भूषण ने कहा, ‘‘हमें व्यापक तस्वीर को अनदेखा नहीं करना चाहिए इसलिए हम कहते हैं कि रोजाना संक्रमण के मामलों में बहुत कम बढ़ोतरी से अत्यधिक चिंतित नहीं होना चाहिए। उन्हें आक्रामक तरीके से जांच करने, समग्र तरीके से संक्रमितों का पता लगाने, उन पर नजर रखने और सक्षम उपचार की नीति का पालन करते रहना चाहिए।”उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 से मृत्युदर दो प्रतिशत से भी कम हो गयी है और इस समय 1.99 प्रतिशत है। यह पहले लॉकडाउन के बाद से सबसे कम है और घट रही है।

भूषण ने कहा कि कोविड-19 के मामलों के प्रभावी और त्वरित क्लीनिकल प्रबंधन के कारण राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण से स्वस्थ होने की दर बढ़कर 69.80 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल ढाई करोड़ नमूनों की जांच की जा चुकी है और स्वस्थ हुए संक्रमितों की संख्या 15 लाख के पार चली गयी है।” भूषण ने बताया कि देश में प्रतिदिन दस लाख आबादी पर इस समय 506 नमूनों की जांच की जा रही है। (एजेंसी)