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    पिथौरागढ:  उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ जिले (Pithoragarh District) में मुनस्यारी के भुजानी और खलिया टॉप क्षेत्रों में 3000 मीटर की उंचाई पर वल्पस वल्पस ग्रिफिथी (Vulpus Vulpus Griffithi) के नाम से जानी जाने वाली हिमालयन रेड फॉक्स की एक उप प्रजाति मिली है । एक गैर सरकारी संगठन ने इसकी जानकारी दी है। पिछले 10 साल से उच्च हिमालयी पशुओं के संरक्षण के लिए काम कर रहे पशु प्रेमी और गैर सरकारी संगठन मोनाल के अध्यक्ष सुरेंद्र पंवार ने बताया, ‘ हिमालयन रेड फॉक्स ( Himalayan Red Fox) की यह उप प्रजाति हाल के वर्षों में पहली बार अपने प्राकृतिक आवास से करीब 500 मीटर नीचे 3000 मीटर की उंचाई पर देखी गयी है ।’ पंवार ने बताया कि दो साल तक खाक छानने के बाद हिमालयी क्षेत्र की इस उंचाई पर अभी तक वह रेड फॉक्स की कम से कम आठ उप प्रजातियां देख चुके हैं ।   

    सामान्यत: शर्मीले माने जाने वाले इन पशुओं के कम उंचाई पर ज्यादा दिखने के कारण पूछे जाने पर पंवार ने कहा कि ऐसा उनके प्राकृतिक आवास में किसी अशांति के कारण हो सकता है ।  उन्होंने कहा कि इन पशुओं ने संभवत: हिमालयी क्षेत्रों में बचे खुचे भोजन पर अपना गुजारा करने के लिए नीचे बसी मानवीय बस्तियों की ओर आना शुरू किया हो । हांलांकि, पिथौरागढ़ के प्रभागीय वन अधिकारी विनय भार्गव ने वल्पस वल्पस ग्रिफिथि जैसे दुर्लभ उच्च हिमालयी पशुओं तथा मोनाल पक्षियों के ज्यादा दिखाई देने को लगातार चलाए जा रहे संरक्षण प्रयासों का नतीजा बताया । 

      उन्होंने कहा, ‘ इन दुर्लभ जीवों के संरक्षण के लिए हमारे जागरूकता कार्यक्रमों के कारण दुर्लभ हिमालयी पक्षियों और पशुओं के झुंडों की संख्या बढी है ।’