नयी दिल्ली. न्यायालय ने शुक्रवार को एक्टिविस्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति उनके दो अपमानजनक ट्वीट के कारण उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुये कहा कि इसकी सजा की मात्रा के मुद्दे पर 20 अगस्त को बहस सुनी जायेगी।
Supreme Court holds lawyer Prashant Bhushan guilty of contempt of court for his alleged tweets on CJI and his four predecessors. The Court to hear the arguments on sentence against him on August 20. pic.twitter.com/4IUx7W0Wqj
— ANI (@ANI) August 14, 2020
शीर्ष अदालत ने पांच अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। इससे पहले, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें कथित तौर पर अदालत की अवमानना की गई है। उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते। न्यायालय ने इस मामले में एक याचिका का संज्ञान लेते हुये प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही के लिये उन्हें 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।