सूर्य ग्रहण : गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां, करें गायत्री मंत्र का जाप!

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Surya Grahan 2020: आज 21 जून रविवार को सूर्य ग्रहण लगा हुआ है। यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू है । ग्रहण दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में होगा। इसके बाद यह 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय अगर गर्भवती महिलाएं इन बातों का ध्यान नहीं रखती हैं तो उनकी होने वाली संतान पर ग्रहण का गलत प्रभाव पड़ता है। होने वाली संतान की कुशलता के लिए गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी पड़ती है। आइए जानते हैं गर्भवती महिलाओं को इस समय में क्या करना चाहिए और क्या नहीं….

ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक वातावरण में नकारात्मकता बढ़ जाती है, जिसका विपरित असर होने वाली संतान पर भी पड़ सकता है।  इसलिए सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष प्रकार की सावधानियां बरतने की आवश्कता होती हैं।

– ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने आप नारियल रखना चाहिए जिससे सकारात्मकता बनी रहती और नकारात्मकता का प्रवेश नहीं हो पाता है।

-गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के सूतक काल से लेकर सूर्य ग्रहण की समाप्ति तक कपड़ो की सिलाई नहीं करनी चाहिए। 

-गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।  सूर्य ग्रहण को देखना होने वाली संतान के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में  गर्भवती को सूर्य ग्रहण  देखना नुकसानदायक हो सकता है।

-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के सूतक काल से लेकर सूर्य ग्रहण की समाप्ति तक गर्भवती महिलाओं को भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय पानी का सेवन भी नहीं करना चाहिए।परंतु अगर गर्भवती महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो वो फल और जल का सेवन कर सकती है। गर्भावस्था में अधिक समय तक भूखा रहना ठीक नहीं है, इसलिए फल और जल का सेवन करते रहें। 

ग्रहण में ना करें यह काम 

-ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को न छुएं। ग्रहण काल के दौरान तुलसी के पौधे को न छुएं। ग्रहण शुरू होने से पहले तुलसी के पत्तों को भोजन में डाल दें। ग्रहण उपरांत इन सभी तुलसी की पत्तियों को वहां से हटा दें। सूर्य ग्रहण के सूतक लगने के बाद से भोजन करना, खाना पकाना, स्नान, शौच या सोना नहीं चाहिए। सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद दान जरूर करना चाहिए। 

-ग्रहण लगने से पूर्व घर की साफ सफाई करें। मुख्य द्वार, रसोई के द्वार व सभी खिड़कियों के आसपास गेरू से स्वास्तिक चिन्ह अंकित करें। ग्रहण को नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर भी घर से बाहर न निकलें। 

-ग्रहण काल के बाद जल में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। तिल का दान शुभ माना गया है। सूर्यग्रहण के दौरान जौ को जेब में रख सकते हैं। ग्रहण समाप्त हो जाए तो स्नान कर भगवान की मूर्तियों को गंगाजल छिड़ककर उन्हें शुद्ध करें। तुलसी पर भी गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें।