FIR in Sushant Singh Rajput case inspired by politics: Maharashtra government tells court

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नयी दिल्ली. सुशांत सिंह मामले में महाराष्ट्र पुलिस और सारकार को तब जबरदस्त झटका  लगा जब केंद्र ने बिहार सरकार की उक्त्त मामले में CBI जांच की सिफारिश मान ली। आपको बता दें कि बीते सोमवार को बिहार सरकार ने इस  मामले में CBI जांच की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी। 

आज बुधवार 5 अगस्त को सीबीआई जांच की मांग करने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी जिसमे केंद्र कि तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। तुषार मेहता ने फिर इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र ने बिहार की CBI जांच की सिफारिश मान ली है और अब यह केस CBI देखेगी ।

SG मेहता ने यह दलील भी रखी कि ” जहाँ एक पक्ष चाहता है कि बिहार पुलिस जांच करें, वहीं दूसरा पक्ष चाहता है कि मुंबई पुलिस यह केस देखे। अब  ऐसे में केंद्र खुद ही जांच करेगा ताकि कोई भी सबूत नष्ट न होने पाए ।” इसके साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि चूँकि इस केस को अब CBI को सौप दिया गया है और साथ ही अब मुंबई पुलिस अपनी जांच बंद कर दे क्योंकि उनके द्वारा जांच में अब कोई भी उठाया गया कदम  सबूतों को नष्ट करने के दायरे में आएगा।”

बता दें कि इसके पहले  सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को उक्त्त मामले को लेकर फटकार लगाई। कोर्ट का कहना था कि जांच अधिकारी पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को क्वारनटीन करना सही मैसेज नहीं देता है। पता हो कि सुशांत केस की जांच करने बिहार से मुंबई आए पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को बीएमसी अधिकारियों ने जबरन होम क्वारनटीन कर दिया था । इसके बाद बिहार से सुशांत केस की जांच करने आई एक अन्य 4 सदस्यीय टीम क्वानरटीन होने के डर से मुंबई में ही कहीं छुपी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि बिहार के एक वरिष्ट  IPS ऑफिसर के साथ, महाराष्ट्र सरकार बुरा बर्ताव कैसे कर सकते है । ऐसा करने से एक गलत संदेश जाता है और वो भी तब, जब केस में मीडिया की एक रुचि हो। महाराष्ट्र सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए था कि सब कुछ प्रोफेशनल तरीके से हो।