नई दिल्ली. तीन नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों (Farmers Protest) का आंदोलन जारी है। इस बीच आज सरकार और किसानों के बीच हुई 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही और बैठक की अगली तारीख भी तय नहीं हुई है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी गारंटी (MSP Guaranty) के लिए एक नया कानून (Law) बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं किसानों ने सरकार पर अपमान करने का आरोप भी लगाया है।
आज हुई बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, “हमने जो प्रस्ताव दिया है वह आपके हित के लिए है। इससे बेहतर हम कुछ नहीं कर सकते। अगर आप का विचार बने एक बार सोच लीजिए। हम फिर मिलेंगे, लेकिन अगली कोई तारीख तय नहीं की गई।”
Before the lunch break, farmer leaders reiterated their demand for the repeal of the farm laws & govt said they are ready for amendments. The minister asked us to consider govt's proposal & we asked him to consider ours. After that, the minister left the meeting: Shiv Kumar Kakka https://t.co/y02jfzBzI4 pic.twitter.com/y5yrOZ8prA
— ANI (@ANI) January 22, 2021
कृषि मंत्री ने कहा, “कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है। तोमर ने सहयोग के लिए यूनियनों को धन्यवाद दिया”
Since then, farmer leaders have been waiting for the minister to return to the meeting: Shiv Kumar Kakka, National President, Rashtriya Kisan Mazdoor Mahasangh https://t.co/YSqmkN4Cf1
— ANI (@ANI) January 22, 2021
वहीं बैठक के बाद किसान नेता शिव कुमार कक्का (Shiv Kumar Kakka) ने कहा, “लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार हैं। मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए। तब से, किसान नेता बैठक में मंत्री के लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
Delhi: Eleventh round of meetings between farmer unions and the government over the three farm laws ends. "No date for the next meeting has been fixed by the government," says Surjeet Singh Phul, State President of BKU Krantikari (Punjab). pic.twitter.com/KEmlCEceCY
— ANI (@ANI) January 22, 2021
किसान नेता सुरजीत सिंह फूल (Surjeet Singh Fhul) ने कहा, “तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान यूनियनों और सरकार के बीच ग्यारहवें दौर की बैठक समाप्त हो गई। अगली बैठक की कोई तारीख सरकार द्वारा तय नहीं की गई है।”
During the meeting, the government offered to put the implementation of the farm laws on hold for two years and said that the next round of meeting can take place only if farmer unions are ready to accept the proposal: Rakesh Tikait, Spokesperson, Bhartiya Kisan Union https://t.co/5SyDf5nffp pic.twitter.com/6Kgsi7LAQn
— ANI (@ANI) January 22, 2021
11वें दौर की बैठक के बाद राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, “बैठक के दौरान, सरकार ने दो साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करने की पेशकश की और कहा कि बैठक का अगला दौर केवल तभी हो सकता है जब किसान यूनियन प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हो।” उन्होंने कहा “जैसा कि योजना है, 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली होगी।”
The minister made us wait for three & a half hours. This is an insult to farmers. When he came, he asked us to consider the govt's proposal & said that he is ending the process of meetings… The agitation will continue peacefully: SS Pandher, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee pic.twitter.com/J1ppwGfHCn
— ANI (@ANI) January 22, 2021
किसान नेता एस.एस. पंधेर (SS Pandher) ने सरकार पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “मंत्री ने हमें साढ़े तीन घंटे इंतजार करवाया। यह किसानों का अपमान है। जब वह आये, तो उन्होंने हमसे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह बैठकों की प्रक्रिया को समाप्त कर रहे हैं।” पंधेर ने आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहने की भी बात कही है।
आज हुई बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में करीब 41 किसान संघों के प्रतिनिधियों से बातचीत की।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति में तीन ही सदस्य हैं क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।