मुंबई: सितंबर में बीएमसी (BMC) द्वारा की गई अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बांद्रा वेस्ट स्तिथ दफ्तर में तोड़क करवाई पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) शुक्रवार को फैसला सुनाया। अभिनेत्री को रहत देते हुए शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी (BMC) द्वारा जारी डिमोलिशन नोटिस को रद्द कर कंगना को फिर से परमिशन लेकर निर्माण की इजाज़त दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि बीएमसी के अधिकारियों ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ढहाने में दुर्भावना से कार्रवाई की, नुकसान का आंकलन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया।
कोर्ट के फैसला पर कंगना ने ट्वीट किया और लिखा, “जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है, तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है। आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को धन्यवाद जिन्होंने मेरे टूटे सपनों को हंसाया। इसका एकमात्र कारण है कि आप एक खलनायक की भूमिका निभाते हैं, इसलिए मैं एक हीरो हो सकता हूं।”
#KanganaRanaut on Highcourt order. pic.twitter.com/EuxCjWAOQc
— NavaBharat (@enavabharat) November 27, 2020
हालांकि इस मामले में आरोप यह भी है कि बीएमसी की यह कार्रवाई ट्विटर पर शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के साथ कंगना रनौत के बयान के बाद की गई थी।
वहीं फैसले पर बीजेपी ने बीएमसी कमिश्नर और संजय राउत पर हमला किया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैय्या ने कहा है , ”मेयर और कमिश्नर इस्तीफ़ा देना चाहिए, फैसले के बाद संजय राउत की बोलती बंद हो गई है।”
V welcome Highcourt Order on #KanganaRanaut demolition case. Mumbai Mayor & BMC Commissioner should Resign. #SanjayRaut ki Bolti Bandh Ho Gayi @Dev_Fadnavis @BJP4Maharashtra pic.twitter.com/DhWqQsZ6QI
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) November 27, 2020
दरअसल कंगना रनौत ने अपने पाली हिल में मौजूद ऑफिस में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट में 5 अक्टूबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बीएमसी ने कंगना के ऑफिस में हुए निर्माण को अवैध बताते हुए तोड़क करवाई की थी। लेकिन उनके वकीलों ने कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अपनी याचिका में कंगना ने डिमोलिशन के दौरान सामान के नुकसान के एवज में बीएमसी से मुआवजा मांगा भी की है।
बीएमसी ने कंगना को नोटिस देने के 2 दिन के अंदर ही एक्शन ले लिया था। अपना पक्ष रखते हुए बीएमसी का कहना था कि ऑफिस रेजिडेंशल एरिया में आता है और उसे उसमें अवैध तारीखे से निर्माण किया गया है।