डॉक्टर दंपति बने मिसाल, कुंवारी मां बनी लड़कियों के शिशुओं का करते हैं पालन

    Loading

    -सेजल मिश्रा 

    गुजरात के कच्छ के अंजार जिले में ठक्कर दंपति देश में एक मिसाल कायम कर रहे हैं। पेशे से डॉक्टर यामिनी और हितेश कुंवारी माताओं को गर्भपात न कराने की सलाह देते हैं। यदि माताएं बात से सहमत नहीं रहती तो हितेश और यामिनी उन्हें बच्चे को जन्म देने के लिए सपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही बच्चे के जन्म के बाद हितेश और यामिनी उस बच्चे की परवरिश भी स्वयं करते हैं। हितेश और यामिनी ने कुंवारी मां बनी अब तक सात लड़कियों के बच्चों को गोद लिया है और अब उनका अच्छे से पालन-पोषण भी कर रहे हैं। इसके साथ ही यह डॉक्टर दंपति महिलाओं का इलाज ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत, सामाजिक और पारिवारिक पीड़ा को बांटने का भी काम करते हैं।

    जन्म दिए गए सात बच्चों का दंपति स्वयं करते हैं पालन-पोषण

    डॉक्टर यामिनी ने बताया कि ‘शादी से पहले के बंधन-मर्यादाओं को लेकर समाज उदार हो रहा है। लेकिन संबंध में सीमाएं टूटने पर गर्भ ठहरने के किस्से में लड़की और उसके परिवार पर मुश्किल का पहाड़ टूट पड़ता है। चरित्र के दागदार होने के डर से गर्भपात का रास्ता अपनाने के लिए लड़कियां तैयार हो जाती हैं। हम इस मंशा से आने वाली लड़कियों को गर्भपात नहीं करने के लिए समझाते हैं और गर्भस्थ शिशु को जन्म देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्रसव के बाद यदि लड़की नवजात को स्वीकार न करे तो बच्चे को हम बिना किसी झिझक कानूनी रूप से गोद ले लेते हैं और उसकी अपने सामर्थ्य अनुसार परवरिश भी करते हैं।’

    दो साल बाद बच्चे से मिली मां, ससुराल वालों को बताई सच्चाई

    डॉक्टर हितेश ने बताया कि ‘कुछ साल पहले एक कुंवारी मां बनी एक लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया। उस बच्चे को वो हमारे पास छोड़ कर चली गई। इसके बाद जब उस लड़की की शादी हुई तो उसने अपने ससुराल वालों को इस सच्चाई के बारे में बताया। लड़की के ससुराल वाले हितेश और यामिनी के पास गए और उस बच्चे को अपने साथ ले आए।