5 decisions of Atal Bihari ji that changed India's fate

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नई दिल्ली. दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक दर्शन , उनके विचारों और कार्यों पर प्रकाश डालती एक नई किताब जल्द ही पाठकों के समक्ष होगी। यह किताब ‘‘ वाजपेयी: दि ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ नाम से प्रकाशित हो रही है, जो वाजपेयी की 96वीं जयंती पर बाजार में आएगी। इस किताब को शक्ति सिन्हा ने लिखा है जिन्होंने 1990 के दशक में वाजपेयी के साथ करीब साढ़े तीन साल तक काम किया था। उन्होंने वाजपेयी के नेता प्रतिपक्ष (वर्ष 1996-97) रहने के दौरान पहले उनके सचिव और 1998-99 में निजी सचिव के तौर पर काम किया था।

सिन्हा ने कहा, ‘‘ आज अटल बिहारी वाजपेयी को शिद्दत से याद किया जाता है। लोग नहीं जानते कि वर्ष 1998 में उनके लिये सरकार बनाना और फिर उसे चलाना कितना मुश्किल था।” उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इसके बावजूद उन्होंने परमाणु परीक्षण का और विरोधाभासी तरीके से पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का फैसला किया। कारगिल का जब युद्ध हुआ तो उन्होंने कैसे साहसिक तरीके से भारत की रक्षा की और प्रधानमंत्री के तौर पर सफल होने से उन्हें रोकने के लिये कैसे उनकी सरकार गिराई गई।”

इसका जिक्र किताब में है। उल्लेखनीय है कि सिन्हा फिलहाल वडोदरा स्थित एम एस विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मानद निदेशक हैं।(एजेंसी)