कसाब को हिन्दू साबित कर मारने का था प्लान

मुंबई: मुंबई हमले में पकडे गए एक मात्रा जीवित हमलावर अजमल कसाब को हिन्दू साबित कर मौत के घाट उतारने की साजिस का खुलास हुआ हैं. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मरिया ने अपनी किताब ''लेट मी से इट

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मुंबई: मुंबई हमले में पकडे गए एक मात्रा जीवित हमलावर अजमल कसाब को हिन्दू साबित कर मौत के घाट उतारने की साजिस का खुलास हुआ हैं. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मरिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाऊ’ में यह खुलासा किया. वहीँ इस काम के लिए दाऊद इब्राहिम गैंग को सुपारी दीगई थी. 
 
हिन्दू आतंकी हमला करने की साजिस 
राकेश मारिया ने खुलासा करते हुए लिखा है कि, " लश्कर ने योजना बनाई थी जिसके अनुसार, अजमल कसाब अगर अगर हमले में मर जाता है तो उसे वह हिन्दू बताकर, हमले को हिन्दू संगठनो द्वारा किया हुआ लगे. इसके लिए बंगलुरु निवासी समीर चौधरी नाम के फर्जी पहचान पत्र का भी इंतज़ाम किया गया था." वहीँ हिन्दू धर्म का लगने के लिए अपने कसाब ने हाथों में लाल कलर का धागा भी बंधा हुआ था. 
 
लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई ने प्लान के अनुसार हमला करते वक़्त कसाब मर जाएगा. जिसके बाद पूरी मीडिया में लाल धागा बांधे तस्वीर  तस्वीर फैलते ही पुरे मीडिया वाले बंगलुरु के समीर चौधरी के घर की तरफ दौड़ पड़ेगें.  जिसके बाद यह साबित हो जायेगा की, यह हमला हिन्दु आतंकी संगठनों ने कराया हैं. 
 
दाऊद ने ली सुपारी 
पूर्व कमिश्नर ने खुलासा करते हुए कहा, " लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई की योजना था की कोई भी आतंकी जिंदा नहीं पकड़े जाए, जिससे भारत को कोई भी सबुत ना मिले की यह हमला पाकिस्तानी आतंकियों ने कराया हैं. इसके लिए 1993 हमले के दोषी भगोड़े दाऊद इब्राहिम को जेल में क़साब को ख़त्म करने की सुपारी दीगई थी. लेकिन उसकी यह साजिस सफल नहीं होपाई." 
 
जारी की गई थी तस्वीर 
मुंबई के छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनल के पास हमला करते हुए कसाब की तस्वीर वायरल हुई थी. जिसमे वह लाल धागा अपने हाथों में बाधा हुआ था. कमिश्नर के अनुसार मुंबई पुलिस उस तस्वीर को जारी नहीं करना चाहती थी, उनका मानना था कि इसके वजह से देश में भ्रम की स्तिथि पैदा हो सकती है. लेकिन केंद्र की एजेंसी ने वह तस्वीर जारी कर दी. 

लूटपाट के लिए  लश्कर-ए-तैयबा  में हुआ शामिल 
राकेश मारिया ने अपनी किताब में बताया है कि, " अजमल कसाब लूटपाट करने के इरादे से  लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था. उसके साथ उसके कई दोस्त भी थे. उन्होंने लिखा कि, " वह लोग इससे कुछ पैसे कामना चाहते थे, जिससे गरीबी दूर हो सके."

भारत के खिलाफ नफरत थी
मारिया के अनुसार, " कसाब के मन में भारत के खिलाफ नफरत थी. उसके हिसाब से भारत में मुसलमानों पर जुल्म किया जाता है. उन्हें नमाज नहीं पढ़ने दी जाती, मस्जिदों को बंद कर दिया गया हैं." उन्होंने कहा, " इसकी जानकारी मिलते ही मैंने जाँच अधिकारी रमेश महाले के साथ मुंबई पुलिस की गाड़ी में मेट्रो सिनेमा स्तिथ मस्जिद में नमाज़ पढ़ने भेजा, जिसके बाद उसने कहा कि उसको भारत के लिए गलत जानकारी दी गई थी."
 
गौरतलब है कि, 26 नवंबर 2008 को मुंबई में बड़ा आतंकी  हमला हुआ था, जिसमे 166 से ज्यादा लोगों की मौत होगई थी, वही 293 लोग घायल होगए थे. इस हमले में सुरक्षा बालों ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया था. वही कसाब को जिंदा पकड़ा गया था. इस हमले में कई जवान भी शाहिद होगए थे. चार साल चले ट्रायल के बाद 21 नवंबर 2012 को पुणे के येरवडा जेल में सुबह 7.30  फांसी दीगई थी.