नयी दिल्ली. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने सोमवार को शिक्षा (Education) को आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की सबसे मजबूत इकाई बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय नीति भारतीय मूल्यों पर आधारित है और यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर खरी उतरेगी। बठिंडा स्थित पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कैंपस का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन करते हुए निशंक ने उम्मीद जताई कि नयी शिक्षा नीति (New Education Policy)न सिर्फ अत्यंत प्रभावशाली होगी बल्कि समावेशी भी होगी।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति राघवेंद्र पी तिवारी भी मौजूद थे। निशंक ने अपने संबोधन में उच्च शिक्षा के लिए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक ओर जहां एचइसीआई जैसी बॉडी का गठन किया गया जाएगा तो वहीं दूसरी ओर संस्थानों को स्वायत्त, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नयी नीति भारतीय मूल्यों पर आधारित है और यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर खरी उतरेगी। यह नीति अत्यंत प्रभावशाली होगी और समावेशी भी होगी। इसमें पांच-आई (इंडियन, इंटरनेशनल, इम्पैक्टफुल, इंटरैक्टिव और इंक्लूसिव) का फार्मूला अपनाया गया है।”
उन्होंने कहा,‘‘ हम एक वैश्विक संसार में रह रहे हैं जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, वैश्विक संस्कृति, वैश्विक नॉलेज सिस्टम, वैश्विक शिक्षा तंत्र और वैश्विक सोच के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस ग्लोबल एप्रोच के साथ भारत ने आत्मनिर्भर बनने का भी रास्ता भी चुना है। इस आत्मनिर्भरता की इमारत को प्रभावी, स्थाई, सार्थक एवं सशक्त बनाने की सबसे मजबूत इकाई शिक्षा है। इस शिक्षा और ज्ञान के संचय के लिए हमने सभी दरवाजे खोल रखे हैं।”
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का नया कैंपस 500 एकड़ में बना है जिसके निर्माण में 150 करोड़ रुपये का खर्च आया है। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किये गए शोधकार्यों की सराहना करते हुए कहा, “शोध को फाउंडेशन बनाते हुए व आत्मनिर्भर भारत की और कदम रखते हुए पंजाब विश्वविद्यालय ने अनेक महत्वपूर्ण शोध किए हैं। चाहे वो मानव मस्तिष्क में कैंसर के फैलाव पर शोधकार्य हो या वनस्पतियों का उपयोग करते हुए बायो-हर्बीसाइड पर शोधकार्य हो। यही ‘लोकल टू ग्लोबल एप्रोच’ हमें आत्मनिर्भर भारत बनाएगा।”
उन्होने इस कैंपस के उदघाटन पर विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी को बधाई दी और विश्वास जताया कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान के संकल्प को आगे बढाता रहेगा। (एजेंसी)