The thief traveled 200 km on a stolen bike, later sent back to the owner by courier

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सुलूर.किसी चीज़ का चोरी होना और उसका फिर वापस मिलना, किस्मत और ईमान दोनों की बात होती है। फिर अगर आपकी चोरी गयी बाइक अगर आपको कूरियर द्वारा प्राप्त हो तो क्या कहने।

कुछ ऐसा ही हुआ कोयम्बटूर के सुलूर के रहने वाले वी।सुरेश कुमार के साथ जब उन्हें शनिवार को एक पार्सल एजेंसी से एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके पते पर एक मोटरसाइकिल भेजी गई है। उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा जब यह गाड़ी और कोई नहीं उनकी हीरो स्प्लेंडर बाइक है जो 18 मई को चोरी हो गई थी। कुमार बताते हैं कि जब बाइक चोरी हो गई तो कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने उन्हें बताया था कि कोरोना ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण उनकी मोटरसाइकिल और चोर को ट्रैक करने वाला कोई नहीं था। लेकिन सुरेश कुमार उस इलाके से कुछ सीसीटीवी क्लिप हासिल करने में कामयाब रहे जिसमे उनकी  बाइक को चोर द्वारा ले जाते हुए दिखाया गया था। उन्होंने उक्त विडियो को लोगों को दिखाया और गहनता से चोर की पहचान के बारे में पूछताछ की।

कुछ दिन बाद जहां से बाइक चोरी हुई थी, उस क्षेत्र के निवासियों ने उस व्यक्ति की पहचान प्रशांत के रूप में की, जो मन्नारगुड़ी शहर से 240 किलोमीटर दूर से आया था, और सुरेश कुमार के कारखाने से कुछ ही दूर एक चाय की दुकान में काम किया करता था। लॉकडाउन के कारण प्रशांत की नौकरी छुट गयी थी जिसके क्य्हलते वह कुमार की बाइक चोरी करके अपने  पत्नी और बच्चे के साथ अपने गृहनगर चला गया।बाद में कुमार की अपनी बाइक खोजने और पुलिस रिपोर्ट की ख़बर प्रशांत तक पहुंची तो डर के कारण उसने बाइक लौटने का फैसला किया। उसने मन्नारगुडी में एक पार्सल एजेंसी से बाइक को उसमे रखी R।C बुक की कॉपी में मिले पते पर भेजा दिया।

चूंकि प्रशांत ने पार्सल के रु. 13,400 के घोषित मूल्य के लिए भुगतान किया था, इसलिए सुरेश कुमार को अपनी बाइक के घोषित मूल्य के रूप में 1400 रुपए चुकाने पड़े पर कुमार इस बात से भी खुश थे। उनका कहना था कम से कम उनकी बाइक तो वापस मिली जिसके इन्शुरन्स पेपर में 34,000 रुपए घोषित मूल्य था। फिलहाल सुरेश कुमार ने प्रशांत के खिलाफ अपनी पुलिस शिकायत वापस ले ली है।