नई दिल्ली: किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) 18वे दिन भी शुरू है. किसान जहां अपनी मांगो पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार (Central Government) आंदोलन को ख़त्म करने के लिए अपने प्रयास और तेज कर दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार और किसान मुद्दों को सुलझाने के लिए एक फार्मूला पर काम कर रहे हैं। इस फोर्मुले के अनुसार किसान अपनी मांग से पीछे हट सकते हैं।
किसानों को लिखित में देगी अस्वाशन
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार और किसानों के बीच जिस फ़ॉर्मूले पर बात चल रही हैं, उसके अनुसार सरकार किसानों को एमएसपी, एपीएमसी सहित कई प्रमुख मांगो को मानेगी और लिखित में आश्वासन देगी। इसी के साथ बिजली व्यवस्था की मौजूदा स्थित भी बनाए रखेगी।
प्राइवेट मंडियों के लिए बनाएंगे नियम
सूत्रों के अनुसार सरकार एपीएमसी के बाहर बेचने और नए बनाने वाली प्राइवेट मंडियों के लिए नियम बनाएंगे। जिससे सरकारी और निजी मंडियों के बीच प्रतिस्पर्धा बानी बनेगी और फसलों को सही दाम मिल सकेगा। जिसका फायदा किसानों को मिलेगा।
कानून वापस लेने वाली मांग छोड़नी होगी
किसानों को दिए इस फार्मूला में सरकार ने एक शर्त भी रखी है। जिसके अनुसार किसानों को तीनों कृषि बिलों को वापस लेने वाली मांग को छोड़नी होगी।
किसान संगठन भी सहमति की ओर
सरकार से मिले इस प्रस्ताव पर किसान संगठन भी सहमत होते नजर आ रहे हैं। पंजाब सहित उत्तर प्रदेश के दो-दो किसान संगठन सहित देश भर के कई संगठनों ने इस प्रस्ताव को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। उनका कहना है की सरकार ने हमारी अधिकतर मांग मान ली है, इसलिए अब अंतिम निर्णय किन ओर बढ़ना चाहिए।
शाह और राजनाथ के आने से निकला रास्ता
पिछले 18 दिन से शुरू इस आंदोलन को ख़त्म करवाने के लिए कई दौर की बातचीत की जा चुकी है. लेकिन फिर भी कोई रास्ता नहीं निकला। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने से यह मामला सुलझता दिखाई दे रहा है। किसानों से कई दौर की बैठक विफल होने के बाद भी दोनों मंत्रियों ने किसानों से बात करने का सिलसिला शुरू रखा हुआ था। जिसके बाद की सहमति बनते दिख रहा है।