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    नयी दिल्ली.  जहाँ एक तरफ कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), आज तीन केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में सोमवार को ट्रैक्टर (Tractor) चलाकर संसद भवन परिसर के गेट तक पहुंचे जिसके बाद पुलिस ने पार्टी के कुछ नेताओं को हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि राहुल गांधी आज जिस ट्रैक्टर को चला रहे थे। उस पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के कुछ अन्य सांसद भी बैठे थे। इस ट्रैक्टर पर आगे एक बैनर भी लगा था जिस पर ‘‘किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापस लो – वापस लो” लिखा हुआ था। 

    इधर अब सूत्रों को मुताबिक यह पता चला है कि कांग्रेस के 6 नेता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और इनपर अब लीगल एक्शन की भी तैयारी हो रही है। इधर अब दिल्ली पुलिस ने राहुल के इस ट्रैक्टर को ही जब्त कर लिया। दरअसल, संसद के मॉनसून सत्र के कारण इस इलाके में धारा 144 लागू रहती है। ऐसे में राहुल गंधी बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे थे। राहुल गांधी तो संसद भवन में चले गए, लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, श्रीनिवास बी।वी। को हिरासत में ले लिया। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने उस ट्रैक्टर को भी अपने कब्जे में ले लिया जिससे राहुल गांधी संसद पहुंचे थे। इसके साथ ही अब खबर यह भी आ रही है कि पुलिस अब इनपर अब लीगल एक्शन की भी तैयारी हो रही है। 

    गौरतलब है कि आज तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति समर्थन जताने वाले राहुल गांधी ने कहा था कि, “दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के लिए ये कानून लाए गए हैं। यह बात पूरा देश जानता है। इन कानूनों को वापस लेना पड़ेगा।” इसके साथ ही कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी के साथ मौजूद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रणव झा, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी।वी। और कई अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। यह भी बता दें कि आज राहुल गांधी ऐसे समय पर कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन परिसर के नजदीक पहुंचे, जब किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।   

    पता हो कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान बीते साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि मोदी सरकार के तीनों विवादस्पद कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। हालांकि इस पर केंद्र सरकार की दलिल है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। इस्कोलेकर मोदी सरकार सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई जो पूरी तरह से बेनतीजा रही है।