मुंबई, ख़बरों के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में चल रही सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र
मुंबई, ख़बरों के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में चल रही सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद महत्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन को उद्धव सरकार अधर में लटका सकती है. कहा जा रहा है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा करना और चलाने का लक्ष्य मुश्किल ही नही अब असंभव सा नजर आ रहा है.
आपको बता दें कि बेहद महत्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र के हिस्से में 5000 करोड़ रुपए खर्च करने का या भार उठाने के ज़िम्मा आया था. अब जब मुंबई में बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स में इसका स्टेशन बनाना है. वहीं तत्कालीन राज्य सरकार ने बीकेसी ज़मीन का लैंड वैल्यूएशन तकरीबन 3000 करोड़ लगाया था और केंद्र से कहा गया कि बीकेसी की ज़मीन बुलेट ट्रेन परित्योजना के लिए देने के बाद वह सिर्फ 1500 करोड़ का ही अतिरिख भार इस प्रोजेक्ट के लिए उठाएंगे. इस बड़े अनसुलझे पेंच के चलते भी प्रोजेक्ट लटकना तय माना जा रहा है.
- महाराष्ट्र में राजनीतिक बदलाव- महाराष्ट्र में अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार है और शिवसेना ने यह साफ कर दिया है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट इस राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में नही है. लिहाजा मुंबई-अहमबदाबाद बुलेट ट्रेन की राह अब मुश्किल होगी.
- बुलेट ट्रैन का आर्थिक दबाव: उद्धव ठाकरे सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि फिलहाल उनका लक्ष्य किसानो की आर्थिक दशा पर केंद्रित है और फिर वह किसानों के ज़मीन अधिग्रहण को लेकर भी चिंतित है . चूँकि महाराष्ट्र के ही पालघर इलाके में 300 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया जाना है. वहीं सूत्रों के मुताबिक अब तक सिर्फ 30 हेक्टेयर ज़मीन का ही अधिग्रहण हो पाया है. और ऐसे में अधिग्रहण भी एक बड़ा रोड़ा बन गया है.
- केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट: महाराष्ट्र की नई सरकार ने भी ये भी साफ़ इशारों किया है कि बुलेट ट्रेनपरियोजना केंद्र सरकार की है और वह ही इसमें पैसा लगाये जबकि राज्य सरकार अपने हिस्से का पैसा किसानों के लिए खर्च करेगी.
- शिवसेना का राजनीतिक हित : आपको बता दें कि हाल ही में आरे फारेस्ट मामले पर आदित्य ठाकरे ने अहम भूमिका निभाई थी. वहीं शिवसेना सूत्रों के मुताबिक पार्टी एक बाए फिर बुलेट ट्रेन के लिए ठाणे इलाके में मैन्ग्रोव को खत्म किये जाने का विरोध कर सकती है. इससे उनका आदित्य ठाकरे को एक जान-नायक के तरह पेश करने कि योजना भी सफल होगी.