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मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उध्हव ठाकरे ने बीजेपी को हिंदुत्व मुद्दे पर फिर से आड़े हाथों लिया है। सामना में छपे एक लेख में उध्हव ने कहा है की हिंदुत्व पर मेरी और बीजेपी के

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मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उध्हव ठाकरे ने बीजेपी को हिंदुत्व मुद्दे पर फिर से आड़े हाथों लिया है। सामना में छपे एक लेख में उध्हव ने कहा है की हिंदुत्व पर मेरी और बीजेपी के विचारों में कोई समानता नहीं है और हम धर्म का इस्तेमाल करके सत्ता नही हथियाते। उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसे हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना भी नहीं कर सकते जो शांतिपूर्ण ना हो।

सामना में अपने लेख में उध्हव ठाकरे ने कहा कि "मेरे हिंदुत्व और बीजेपी के हिंदुत्व में असमानता है। बीजेपी हमेशा हिन्दू राष्ट्र के हिमायती रहे हैं। लेकिन उनके शासन में लोग एक दूसरे को मार रहे हैं और चारो तरफ अशांति का माहौल है।लेकिन मेरा हिंदुत्व यह नहीं मानता। बीजेपी ने सत्ता हथियाने के लिए हिंदुत्व की गलत व्याख्या की है"। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि " अगर मैंने एनआरसी का विरोध किया है तो इसका मतलब मैं राष्ट्रविरोधी और बीजेपी देशभक्त ऐसा बिलकुल नहीं है। इस एनआरसी में तो आपको भी अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। इससे तो आपके परिवार वालों को भी कष्ट उठाना पड़ेगा"।

ठाकरे ने लेख में यह प्रदश भी उठाया कि आदिवासियों का क्या होगा? जंगल और पहाड़ों में रहनेवाले यह लोग कहां से अपने जन्म का सबूत लाएंगे? यदि ऐसा ही रहा तो वे भी कल को सड़क पर उतर आएंगे। उध्हव ठाकरे ने यह भी कहा कि एनआरसी को लेकर बीजेपी ने जो भ्रम फैलाया है अब लोग उसको समझने लगे हैं। अब नागरिकता सिद्ध करना सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं है अपितु हिंदुओं को भी इससे परेशानी होगी। उन्होंने स्पर्श रूप से यह भी कह दिया कि " महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री होने के नाते या इसके बिना भी इस एनआरसी कानून को आने नहीं दूंगा और ना ही मैं किसी को भी किसी का अधिकार छीनने दूंगा।

विदित हो की उध्हवठाकरे ने कुछ दिन पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना में एनआरसी को लेकर कटाक्ष किया था। हालाँकि जब लोकसभा में इन विषयों पर बात हो रही थी तब शिवसेना ने भाजपा का पूरा समर्थन किया था। लेकिन यही नागरिकता संशोधन बिल जब लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा पहुंचा, तो शिवसेना ने सदन से वाक आउट किया था।