Union Budget 2022: Finance Minister Nirmala Sitharaman will present Economic Survey 2021-2022 before the budget, watch live here
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने आज मोदी सरकार (Modi Government) का नौवां बजट पेश किया। इस बजट में सरकार ने विनिवेश (Disinvestment) के जरिए पौने दो लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा वित्त वर्ष में रखा यह लक्ष्य पिछले साल की तुलना में 35 हज़ार करोड़ कम है। 2020 में सरकार ने दो लाख दस हज़ार करोड़ का लक्ष्य रखा था। 

बिकेगी एयर इंडिया 

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केंद्र सरकार पिछले 20 सालों से घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचने में लगी हुई है। मौजूदा समय में इस सरकारी कंपनी पर 60 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। जिसके कारण सरकार अब इसे पूरी तरह अलग होना चाहती है। सरकार के तय नियमों के अनुसार जो भी कंपनी का अधिग्रहण करेगा उसे 60 के बजाय 23,286. 5 करोड़ रुपए ही देंगे पड़ेंगे। 2020 में सरकार इसे बेचने के लिए कई बार बोलियां लगा चुकी है। 

BPCL के हिस्सेदारी भी बेचेंगे

सरकार जीन कंपनियों को विनिवेश करने में लगी हुई है, उसमें भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड भी शामिल है। बीपीसीएल सरकार की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है, साथ ही यह मुनाफा देने वाली कंपनी भी है। इस कंपनी में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसको बेचकर करीब 60 हज़ार करोड़ मिल सकते हैं। सरकार कंपनी को खरीदने वाले को पूरा मालिकाना हक देगी, यानी कंपनी का मालिक वही होगा। 

एलआईसी का आएगा आईपीओ 

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है। सरकार पिछले एक साल से इस काम में लगी हुई है, इस माध्यम से वह कंपनी में अपनी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी कम करना चाहती है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड ऑफ़ मेंबर में केवल भारतीय नागरिक होंगे। 

आईडीबीआई बैंक

वित्तमंत्री ने बजट के अंदर सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है। इस बैंक में एलआईसी और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी क्रमशः 51 और 47 प्रतिशत है। एलआईसी ने इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की इच्छा जताई है। 

शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया 

सरकार अन्य कंपनियों के तहत इस कंपनी में भी विनिवेश करने का ऐलान कर चुकी है। नवंबर 2019 में सरकार ने इसका ऐलान कर दिया है। इस कंपनी की स्थापना 1961 में की गई थी। कंपनी पर 13,733.12 का कर्ज है। कोरोना महामारी के दौरान कंपनी को 302.35 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।