उप्र बंधक संकट: सभी बच्चे सुरक्षित, आरोपी और उसकी पत्नी की मौत

फर्रुखाबाद (उप्र), उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद के गांव करथिया में कल दिन भर चले कतिथ अपहरण का तमाशा आखिरकार ख़त्म हो ही गया। इसका समापन पुलिस ने 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले और एक हत्या के आरोपी सुभाष

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फर्रुखाबाद (उप्र), उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद के गांव करथिया में कल दिन भर चले कतिथ अपहरण का तमाशा आखिरकार ख़त्म हो ही गया। इसका समापन पुलिस ने 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले और एक हत्या के आरोपी सुभाष बाथम को पुलिस ने ढेर करके किया। लेकिन उक्त मामले में पुलिस की नाकामी भी जगजाहिर हो गयी जब उक्त गाँव के लोगो ने सामने सुभाष बाथम की पत्नी की पीट-पीटकर कर हत्या कर दी। 

विदित हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस की टीम ने फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद के कठरिया गांव में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले एक हत्या के आरोपी सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया और सभी बच्चों को उसके घर से सुरक्षित निकाल लिया गया। बाथम ने अपनी बेटी के जन्मदिन के समारोह में बच्चों को आमंत्रित करने के बाद बृहस्पतिवार शाम उन्हें बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए बच्चों की आयु छह महीने से 15 साल से बीच है। बच्चे करीब आठ घंटे तक बंधक बने रहे। 

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने उससे बात करने वाले लोगों पर घर के भीतर से ही गोलियां चलाईं जिससे एक व्यक्ति और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चों को बंधक बनाने के पीछे आरोपी का मकसद क्या था। पुलिस ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बाथम मानसिक रूप से अस्थिर था। इससे पहले एडीजी कानून व्यवस्था पी. वी. रामाशास्त्री ने बताया कि मकान में करीब बीस बच्चे बंधक बनाये गये थे। आरोपी हत्या के एक मामले में जेल में जा चुका था और हाल ही में जमानत पर बाहर आया था। 

इसके पहले आरोपी ने शुरुआत में छह महीने की एक बच्ची को एक बालकनी से अपने पड़ोसी को सौंपकर मुक्त कर दिया था।पुलिस ने बताया कि आरोपी ने उससे बात करने वाले लोगों पर घर के भीतर से ही गोलियां चलाईं जिससे एक व्यक्ति और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चों को बंधक बनाने के पीछे आरोपी का मकसद क्या था। पुलिस ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बाथम मानसिक रूप से अस्थिर था। 

इधर उक्त घटना के चलते स्थानीय ग्रामीणों का रोष सुभाष बाथम की पत्नी रूबी पर फट पड़ा। उनका कहना था की रूबी भी उक्त घटना में सुभाष के साथ थी और फिर गाँव की महिलाओं ने जमकर पीटा। बाद में पुलिस ने मुश्किल से गांववालों से रूबी को छुड़ाया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहाँ गांव वालों का गुस्सा सुभाष बाथम की पत्नी रूबी पर भी निकला, जिसे गांव की महिलाओं ने जमकर पीटा. बाद में पुलिस वालों ने जैसे-तैसे गांव के चंगुल से रूबी को छुड़ाया और गंभीर हालत में अस्पताल भेजा, जहां उसने दम तोड़ दिया। कानपूर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया है की रूबी ने गंभीर चोटों के चलते दम तोड़ दिया है और हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। मौत के कारण के बारे में और विवरण रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।