मुंबई: भारत में कोरोना (Coronavirus Pandemic) की रफ्तार कम होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। कोविड-19 (COVID-19) का सबसे अधिक कहर महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), पंजाब (Punjab) सहित कुछ राज्यों में देखने को मिल रहा है। इसी बीच कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर सियासत शुरू हो गई है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सहित कुछ राज्यों ने कोरोना वैक्सीन की कमी का मसला उठाया है। इसी कड़ी में अब केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर एक लेटर लिखा है। साथ ही कहा कि आप राष्ट्रीय औसत से भी पीछे चल रहे हैं।
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन के कमी को लेकर जारी घमासान के दरम्यान केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर वैक्सीनेशन की धीमी गति पर सवाल उठाया है। पत्र के अनुसार महाराष्ट्र को अबतक 1,06,19,190 वैक्सीन की डोज मुहैया कराई गई। लेकिन सिर्फ 90,53,523 का उपयोग किया गया है।
वहीं चिठ्ठी में कहा गया है कि महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 85.95 फीसदी हेल्थ वर्कर्स को लगाई गई है जबकि दूसरी डोज की अगर बात करें अब तक 41 प्रतिशत ही लगी है। इन आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन की दूसरी डोज़ देने में राष्ट्रीय औसत से पीछे ही चल रहा है। केंद्र ने राज्यों को इसे सुधारने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली और पंजाब भी कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर राष्ट्रीय औसत से पीछे ही है। वैसे यह चिट्ठी ऐसे वक्त पर लिखी गई है जब महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों ने वैक्सीन की सप्लाई भी धीमी करने का आरोप लगाया है। वैक्सीन की कमी पर केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। ये राज्य अपनी कमियां छुपाने के लिए ऐसी बात कर रहे हैं।