Farmers Protest
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नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर आज किसान आन्दोलन (Farmers Protesy) 23 वे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं इन सबके बीच जहाँ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसानों से सीधा संवाद करेंगे। मध्य प्रदेश सरकार (MadhyaPradesh Goverment) द्वारा चलाए जा रहे किसान सम्मेलन को आज PM मोदी संबोधित करने वाले हैं। इधर अब हरियाणा में भी बीजेपी के अंदर से ही इन कृषि कानूनों के विरोध के स्वर उठने लगे हैं। 

बीजेपी में अंदरूनी कलह: 

दरअसल इन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं मोदी सरकार किसानों को समझाने में लगी है कि ये कृषि कानून उनके हित में ही हैं। लेकिन अब शायद हरियाणा बीजेपी के अंदर से ही इसके विरोध में स्वर उठने लगे हैं। जहाँ पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह के हाल के एक बयान दिया था कि उनके लिए पार्टी और राजनीति से बढ़कर देश के किसानों का हित है। उन्होंने कहा था कि, “मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए भी तैयार था।” माना जा रहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री किसानों के आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। 

गौरतलब है कि बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) ने हाल ही में कैथल में कहा था, “अगर वे (किसान) मुझसे संपर्क करते, तो मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए तैयार था। कृषि कानूनों के बारे में किसानों की शंकाओं को दूर करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि किसानों को लगता है कि कानून उनके लिए हानिकारक हैं।” वहीं अब ख़बरों की माने तो  बीरेंद्र सिंह आज यानि  शुक्रवार को हरियाणा के सांपला में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित होने वाले एक दिन के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद है।

विदित हो कि आज किसान आन्दोलन 23 वे दिन में प्रवेश कर गया है। लेकिन देश का अन्नदाता भी अब झुकने को तैयार नहीं है। ऐसा कहना है किसान मजदुर संघर्ष कमेटी के दयाल सिंह का, उनका कहना था कि, “प्रधानमंत्री मोदी को किसानों का साथ देते हुए इन ‘कृषि कानूनों’ को वापस लेना चाहिए। हम अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे और अपना हक लेकर ही मानेंगे।”