ममता बनर्जी vs शुभेंदु अधिकारी: नंदीग्राम में किसका होगा “खेला”, क्या कहता है वोटों का गणित?

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    नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) और तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ दोनों दलों ने प्रचार भी तेज कर दिया है। चुनाव में टीएमसी को भाजपा कड़ी टक्कर देती दिख रही है। वहीं नंदीग्राम सीट (Nandigram Assembly Seat) पर महासंग्राम देखने मिलने वाला है। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं भाजपा ने उनके खिलाफ सुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को मैदान उतारा है। 

    एक समय के साथी आज दुश्मन 

    शुभेंदु एक समय ममता बनर्जी के बेहद करीबी नेता माने जाते थे। तृणमूल कांग्रेस और सरकार में ममता के बाद उनका नंबर आता था। लेकिन पिछले एक साल से पार्टी में पकड़ को लेकर दोनों नेताओं में मतभेद हो गए। पार्टी में अभिषेक बनर्जी की बढ़ते दखल से वह खुश नहीं थे। उन्होंने कई मौके पर अपनी नाराजगी भी दर्ज कराई। लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं होते देख उन्होंने टीएमसी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

    नंदीग्राम से लड़ूंगी विधानसभा का चुनाव 

    शुभेंदु का टीएमसी छोड़ना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका था। अधिकारी की पहचान एक जमीनी पकड़ वाले नेता के रूप में मानी जाती है। ममता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में अधिकारी का बड़ा हांथ है। 2009 में वाम सरकार के खिलाफ हुए नंदीग्राम आंदोलन को खड़ा करने के पीछे शुभेंदु अधिकारी का ही बड़ा हांथ था। अधिकारी का भाजपा में शामिल होना मतलब नंदीग्राम के साथ राज्य की करीब 50 सीटों पर टीएमसी का कमजोर होना। इसी को रोकने और पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूती देने के लिए ममता ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया।

    50 हजार वोटों से हराऊंगा

    मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने पर अधिकारी ने उन्हें 50 हजार से ज्यादा वोट से हराने का ऐलान किया है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “नंदीग्राम (चुनाव) मेरे लिए चुनौती नहीं है। मैं उन्हें (ममता बनर्जी) को हराने के लिए नंदीग्राम जा रहा हूं और कोलकाता वापस भेजूंगा।” उन्होंने कहा, “मुझे दी गई जिम्मेदारी के लिए मैं राष्ट्रीय पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। मैं नंदीग्राम और पूरे पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने का काम करूंगा। वह (ममता बनर्जी) यह चुनाव (नंदीग्राम में) 50,000 से अधिक मतों से हारने वाली हैं।”

    नंदीग्राम में कैसा है वोटों का गणित 

    नंदीग्राम सीट के तहत 70 फीसद हिंदू और 30 फीसद मुस्लिम वोट आते हैं. कुल वोटर की बात करें तो यहां 2,13,000 वोटर में 1 लाख 51 हजार हिंदू वोटर हैं और 62 हजार मुस्लिम वोटर हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु ने कुल वोटों का करीब 63 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे।उनके मुख्य प्रतिद्वंदी वाम उम्मीदवार अब्दुल आबी के बीच करीब चालीस फीसदी से ज्यादा का अंतर था। वहीं भाजपा को केवल पांच फीसदी से थोड़ ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन इस चुनाव में स्थितियां पूरी बदल गई है। इस चुनाव में अधिकारी भाजपा टिकट पर मैदान में हैं, वहीं उनके सामने खुद ममता बनर्जी हैं।