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    नयी दिल्ली. देश (India) में फिलहाल कोरोना (Corona) की दूसरी लहर हावी हो रही है । वहीं इस बीच देश में अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी के चलते मोदी सरकार (Narendra Modi Goverment) ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik V) के एमरजेंसी यूज को भी अब मंजूरी दे दी है।

    लेकिन खबर है कि रूस से इम्पोर्ट  होने वाली इस वैक्सीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक 10 डॉलर प्रति डोज यानी करीब 750 रुपये भी हो सकती है। इस तरह देखा जाए तो यह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन (Covaxin) से करीब तीन गुना महंगी साबित  होगी। बता दें की दोनों जरुरी वैक्सीन निजी अस्पतालों में 250 रुपये की मिल रही है।

    डॉ रेड्डीज लैबोरेटीज लाएगी स्पूतनिक वी:

    गौरतलब है कि देश में स्पूतनिक वी को लॉन्च करने की जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटीज (Dr Reddy’s Laboratories) को दी गयी है। इसके साथ ही कंपनी भी देश में इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। कंपनी के को-चेयरमैन और एमडी जीवी प्रसाद में इस मुद्दे पर कहा कि रूस से इम्पोर्ट  होने वाली इस वैक्सीन की कीमत 10 डॉलर प्रति डोज हो सकती है। यह कीमत अंतरराष्ट्रीय कीमतों के ही मुताबिक है।

    क्या हो सकती है देश में बनने वाली स्पूतनिक वी वैक्सीन की कीमत:

    हालांकि उन्होंने बताया कि कि भारत में बनने वाली स्पूतनिक वी वैक्सीन की कीमत 10 डॉलर से कम ही होगी। उन्होंने कहना था कि, “हम कोशिश कर रहे हैं कि रूस से आयात होने वाली इस वैक्सीन की कीमत भी 10 डॉलर से अधिक न हो। जल्दी हि इस पर फैसला होगा। जहां तक भारत में बनने वाली वैक्सीन का सवाल है तो इस बारे में फिलहाल हमें सरकार से बात करनी होगी। सरकार इस वैक्सीन की खरीद करेगी और साथ ही इसे प्राइवेट मार्केट में भी विक्रय के लिए उपलब्ध होगी।

    इस के साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने जून में स्पूतनिक वी को भारत में उतारने का लक्ष्य किया था ।लेकिन अब इसे जल्दी आयात करने और मई माह में ही बाजार में उतारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि, “हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे मई माह में ही भारत में लॉन्च किया जाए लेकिन इसके अब जून में आने की प्रबल संभावना है। हमारी  RDIF (Russian Direct Investment Fund) के साथ सप्लाई शेड्यूल और कीमत के बारे में अभी एक सहमति बननी  है। लेकिन हम पहले ही कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स का प्रबंध कर चुके हैं।”

    कितनी डोज होगी इम्पोर्ट:

    फिलहाल भारत में रूस से वैक्सीन की कितनी डोज आयात की जाएगी, इस बारे में प्रसाद का कहना था कि, RDIF के साथ 12।5 करोड़ डोज का करार हुआ है। RDIF ने भारत में 6 कंपनियों के साथ कोरोना वैक्सीन के प्रोडक्शन का करार किया है। इनमें Gland Pharma (25.2 करोड़ डोज), Hetero Biopharma (10 करोड़), Virchow Biotech (20 करोड़), Panacea Biotech (10 करोड़) और Stelis Biopharma (20 करोड़) प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह संख्या 42.6 करोड़ डोज की संख्या बनती है। वहीं डॉ रेड्डीज ने शिल्पा मेडिकेयर के साथ एक बड़ा करार भी किया है। हालाँकि इन्होने फिलहाल करना वैक्सीन की डोजेज की संख्या का खुलासा अभी नहीं किया गया है। इस प्रकार देश की कई प्रमुख भारतीय वैक्सीन कंपनी, भारत सरकार के साथ मिलकार जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन की डोजेज बढाने के लिए प्रयासरत है।