भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले एक हफ्ते से शुरू राजनितिक संकट अपने चरम पर पहुँच चूका हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कांग्रेस को झटका देते हुए मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता
भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले एक हफ्ते से शुरू राजनितिक संकट अपने चरम पर पहुँच चूका हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कांग्रेस को झटका देते हुए मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया हैं. उसी के साथ सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने भी अपना इस्तीफ़ा विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल के पास पहुंचा दिया हैं. सिंधिया के इस्तीफ़ा ही कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करना शरू कर दिया हैं.
राजा की हैसियत वाले प्रजा बनगए: अधीर रंजन चौधरी
भाजपा लालच का आरोप लगाते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, " कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा."
उन्होंने कहा, " हम उनका सम्मान करते थे कि राजा का बेटा है हार्वर्ड वाले हैं. लेकिन लालच लोगों को कहां से कहां ले जाता है. कांग्रेस में वो जरूर राजा की हैसियत में विराजमान थे लेकिन बीजेपी में जा कर उन्हें जरूर प्रजा बनना पड़ेगा."
अधीर रंजन चौधरी: हम उनका सम्मान करते थे कि राजा का बेटा है हार्वर्ड वाले हैं। लेकिन लालच लोगों को कहां से कहां ले जाता है। कांग्रेस में वो जरूर राजा की हैसियत में विराजमान थे लेकिन बीजेपी में जा कर उन्हें जरूर प्रजा बनना पड़ेगा। https://t.co/WdrM8luG3x
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 10, 2020
खानदान ने अंगेजो का साथ दिया था: अरुण यादव
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफ़ा देने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सिंधिया को गद्दार बताया हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, " ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है।" उन्होंने कहा, " सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,"
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।
सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
उन्होंने आगे कहा, " आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है."
यादव ने कहा, " आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों – मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा."
आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों – मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा ।@INCIndia @INCMP @RahulGandhi @OfficeOfKNath
— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
ऐसे नेता जितनी जल्दी जाए उतना अच्छा: आशोक गहलोत
सिंधिया के इस्तीफे पर कड़ी टिप्पणी करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री आशोक गहलोत ने कहा, " राष्ट्रीय संकट के समय में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से नेताओं की स्व-राजनीतिक महत्वाकांक्षा दिखाती हैं. खासकर जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थानों, सामाजिक ताने-बाने और साथ ही न्यायपालिका को बर्बाद कर रही है."
Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.
1/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
उन्होंने कहा," श्री सिंधिया ने लोगों के विश्वास के साथ-साथ विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है. ऐसे लोग साबित करते हैं कि वे सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं. ऐसे लोग जितना जल्दी चला जाए उतना अच्छा हैं."
Mr Scindia has betrayed the trust of the people as well as the ideology. Such people proves they can’t thrive without power. Sooner they leave the better.
2/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
इतिहास फिर दोहराया: जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा, " एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..l तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है…."
एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..।
– तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है….— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 10, 2020
शोभा ओझा ने कसा तंज
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया कोर्डिनेटर शोभा ओझा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा, " ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आज मिली "सच्ची आजादी" की बहुत-बहुत बधाई. आज अंचल के उन सभी कांग्रेसजनों के लिए "मुक्ति का पर्व" है, जिनके अधिकारों को अब तक "महल" और उसके चाटुकारों के निजी स्वार्थों की बलि चढ़ाया जा रहा था."
ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आज मिली "सच्ची आजादी" की बहुत-बहुत बधाई। आज अंचल के उन सभी कांग्रेसजनों के लिए "मुक्ति का पर्व" है, जिनके अधिकारों को अब तक "महल" और उसके चाटुकारों के निजी स्वार्थों की बलि चढ़ाया जा रहा था।
— Shobha Oza (@Shobha_Oza) March 10, 2020
इतिहास दोहराया: जयवर्धन सिंह
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह ने इतिहास दोहराने का आरोप लगाते हुए कहा," झाँसी का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया…." उन्होंने कहा," अपने लोगों के साथ खड़े होंगे, सत्ता का क्या है, वो तो आती-जाती रहती है। हम अपने सिद्धांत पर अपने लोगों के साथ अडिग खड़े है."
झाँसी का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया….
हम अपने लोगों के साथ खड़े होंगे, सत्ता का क्या है, वो तो आती-जाती रहती है। हम अपने सिद्धांत पर अपने लोगों के साथ अडिग खड़े है।
— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) March 10, 2020