क्यों मनाई जाती है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जानिए इतिहास और महत्व…   

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मुंबई: विश्व के कई देशों में आज पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) साहब का जन्मदिन मनाया जा रहा है जिसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-E-Milad-Un-Nabi) भी कहा जाता है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी  इस्लाम के आखिरी पैगंबर, मोहम्मद साहब की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक यह साल के रबी अल-अव्वल (Rabi-Al-Awwal) महीने के दौरान मनाया जाता है।

इस्लामिक इतिहास के अनुसार रबी अल-अव्वल के महीने के बारहवें दिन मोहम्मद साहब का जन्मदिन मनाया जाता है। कुछ मुसलमानों का यह मानना है कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म मक्का में रबी अल-अव्वल के बारहवें दिन 570 ईस्वी को हुआ था। 

बताया जाता है कि, जन्म के दिन कई तरह के चमत्कार भी देखे गए थे। पैगंबर मोहम्मद साहब इस्लाम धर्म के सबसे महान नबी और आखिरी पैंगबर थे। इस वर्ष, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 29 अक्टूबर की शाम से शुरू होगी और 30 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। इस अवसर को मनाने के लिए, पैगंबर की प्रशंसा में नात गाए जाते हैं और कविताएं भी पढ़ी जातीं हैं। उनकी शिक्षाओं को लोगों के बीच साझा किया जाता है। 

इस मौके पर कई जगह लोग बड़े जुलूस निकालकर और अपने घरों को सजाकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं। लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। इस पावन अवसर पर मुसालम दुआ और इबादत करते हैं। हांलांकि इस साल कोरोना वायरस की पाबंदियों के चलते ईद-ए-मिलाद-उन-नबी सादगी से मनाया जा रहा है।