S. Jaishankar

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नई दिल्ली: लंबे समय तक सैन्य गतिरोध में बंद रहे भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि “चीन के साथ एक संतुलन तक पहुंचना आसान नहीं है और भारत को अब मैदान में उतरना चाहिए”।

LAC पर तनाव का समाधान करना महत्वपूर्ण हैं कहते हुए जयशंकर ने बताया, “सीमा की स्थिति और हमारे संबंधों का भविष्य (चीन के साथ) अलग नहीं किया जा सकता है। यही वास्तविकता है। ”

जयशंकर के अनुसार, जैसे-जैसे अमेरिका के साथ भारत का संबंध भी बदल रहा है वैसे-वैसे दुनिया के साथ व्यवहार भी बदल रहा है। उन्होंने कहा कि  चीन के साथ भारत के रिश्ते द्वीपक्षीय हैं। अगर अमेरिका संग रिश्तों के संदर्भ में इसे देखा जाएगा तो अंदाजा गलत हो सकता है।

जयशंकर ने एक बात और साफ़ तौर से बता दी की चीन बॉर्डर पर जो भी गतिविधि करेगा उसका खामियाज़ा उसे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा की ऐसा करने से चीन को व्यापार में भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं

उन्वहोंने कहा कि चीन, लद्दाख में अपनी सेना को पीछे ले जाने की बात करता तो है लेकिन ऐसा होता नहीं हैं। इसी कारण पांचवे दौर की सेन्य मीटिंग पहले कैंसल हो गई थी। हालांकि 11 बजे यह मीटिंग होने वाली है।