The responsibility entrusted to the central team to take stock of the damage caused by the storm 'Yas' in West Bengal
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    ओडिशा. देश (India) में अब ताउते (Tauktae) के कहर के बाद अब चक्रवाती तूफान यास (Yaas) का खतरा भी मंडराने लगा है। अब इस बड़े खतरे के चलते राज्यों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। विदित हो कि ताउते ने गुजरात और महाराष्ट्र में भयंकर कहर मचाया था। वहीं अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी  26 मई को ‘यास चक्रवात’ के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से गुजरने की आशंका जताने के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने 30 में से 14 जिलों को सतर्क कर दिया है। ओडिशा सरकार ने बीते शुक्रवार को भारतीय नौसेना एवं भारतीय तट रक्षक बल से स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का को कहा है।

    मौसम विज्ञान विभाग ने बीते गुरूवार को कहा कि 22 मई को बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य हिस्से पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा जो आगे जाकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और आगामी 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है।इसपर ओडिशा के मुख्य सचिव एससी मोहपात्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों के संग बैठक के बाद कहा कि अगर चक्रवात ‘यास’ का राज्य पर कोई प्रभाव पड़ता है तो राज्य सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस के रखे। 

    उन्होंने आगे कहा कि हालांकि अब तक मौसम विभाग ने चक्रवात के संभावित, मार्ग, इसकी गति, तट से टकराने का स्थान आदि के बारे में कोई ख़ास जानकारी नहीं दी है, फिर भी नवीन पटनायक सरकार ने इसकी व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

    इधर केंद्र सरकार ने भी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं तथा संसाधनों का भंडार सुरक्षित रखा जाए ताकि यास तूफान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से मुस्तैदी से निपटा जा सके।