नयी दिल्ली. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कहा कि लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए और इस महामारी के कारण पैदा हुए अत्यधिक तनाव को दूर करने में योग एक प्रभावशाली साधन हो सकता है। नायडू ने कहा कि स्वास्थ्य सुधारने में योग कम जोखिम वाला और अच्छे परिणाम देने वाला तरीका साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, इस वर्ष की थीम- ‘योग एट होम, योग विथ फैमिली’ के अनुरूप उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू तथा उनकी पत्नी श्रीमती ऊषम्मा ने आज सुबह उपराष्ट्रपति-भवन के लॉन में योगाभ्यास किया। #InternationalYogaDay pic.twitter.com/InQOJgFDky
— Vice President of India (@VPSecretariat) June 21, 2020
इस अवसर पर अपने संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए योग आवश्यक है।
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे नियमित रूप से घर पर ही योग और ध्यान करें और स्वस्थ रहें। #InternationalYogaDay pic.twitter.com/UgzqNdyTCp— Vice President of India (@VPSecretariat) June 21, 2020
उन्होंने ‘‘आधुनिक जीवन के दबावों और तनाव से निपट नहीं पाने के कारण” लोगों के आत्महत्या करने की घटनाओं पर चिंता जताई। नायडू ने कहा कि अवसाद, घबराहट और तनाव जैसी समस्याओं से प्रभावशाली तरीके से निपटने में योग मददगार हो सकता है। उन्होंने कहा कि केवल वैश्विक महामारी ही स्वास्थ्य संकट नहीं है, जो लोगों के जीवन और कल्याण के लिए खतरा उत्पन्न कर रही है। उन्होंने जीवनशैली संबंधी बढ़ती बीमारियों को लेकर भी चिंता जताई। नायडू ने शिक्षण संस्थाओं से अपील की कि वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर आयोजित हो रहे ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रमों में योग को भी शामिल करें। उन्होंने कहा कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है।