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सुकमा: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) दौरे पर है इसी बीच यहां कई  नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। अच्छी बात यह है कि इसमें कई नाक्सली ऐसे है जिनके ऊपर लाखों रूपये का इनाम था। सुकमा एडिशनल एसपी किरण चव्हाण ने बाताया कि सुकमा में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जिनमें से एक नक्सली पर 8 लाख का और एक नक्सली पर 5 लाख का इनाम घोषित था। इसके अलावा आत्मसमर्पण करने वालों में 1-1 लाख के 2 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उग्रवाद प्रभावित जगदलपुर (Jagdalpur) में सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसकी सुरक्षा समर्पित तरीके से की जाए। देश के चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम देने में बाकी सारे CAPF को साथ में रखते हुए CRPF का योगदान महत्वपूर्ण है। पिछले कई चुनावों से CRPF के जवानों ने हमारे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सुरक्षित रूप से निर्वहन करने की जिम्मेदारी निभाई है। 

अमित शाह ने कहा कि देश में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जीत के अंतिम चरण में नजर आ रही है और इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के सर्वोच्च बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है। सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने बल से अनुरोध किया कि जब तक इस खतरे का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता वे वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखें।

उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है। शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की। बल ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है।

उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है और साथ ही जान हानि (आम लोग और सुरक्षा कर्मी) में भी 78 फीसदी की कमी आई है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों एजेंसियां वामपंथी उग्रवाद का वित्त पोषण रोकने के लिए सख्ती से काम कर रही हैं। शाह ने कहा कि सीआरपीएफ का वार्षिक उत्सव पहली बार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है और यह भी छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में। 

बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित सीआरपीएफ कोबरा की 201वीं बटालियन के करनपुर शिविर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछले तीन दशकों से वामपंथी उग्रवाद से संघर्ष कर रहे बस्तर संभाग में कुल सात जिले शामिल हैं जिनमें बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर हैं। सीआरपीएफ के जवानों को बड़ी संख्या में दक्षिण बस्तर क्षेत्र में तैनात किया गया है, जिसमें सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले शामिल हैं। यहां सीआरपीएफ के नेतृत्व में सुरक्षा कर्मियों ने कई बड़े माओवादी हमलों में जवाबी कार्रवाई की है।