Aditya Thackeray
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    उत्तर प्रदेश: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पुत्र व मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) आज अयोध्या में रामलला के दर्शन करेगें। वे करीब अयोध्या में करीब 6 घंटे अयोध्या में रहेंगे। शिवसेना (Shivsena) जबसे महा अघाड़ी की कांग्रेस व एनसीपी के साथ महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज हुई है तबसे उनके हिंदुत्व (Hindutva) को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने (CM Uddhav Thackeray) ने आदित्य ठाकरे को अयोध्या में रामलला के दर्शन हेतु भेजकर फिर से हिंदुत्व का सियासी दांव खेला है। हिंदुत्ववादी छवि को जीवंत रखने व भक्तिभाव के उद्देश्य सीएम उद्धव ठाकरे इसके पहले स्वतः प्रभु श्री राम का दर्शन करने कई बार अयोध्या दौरे पर आ चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर भी सपरिवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच रामलला के दर्शन कर चुके हैं। जिसके चलते विपक्ष व अन्य संतो द्वारा समय- समय पर सीएम उद्धव ठाकरे का विरोध करते देखा जाता है। इस बार आदित्य ठाकरे के इस दौरे पर हनुमानगढ़ी के मंहत राजू दास ने उनका विरोध करने का ऐलान किया है।

    आदित्य़ ठाकरे के इस दौरे को लेकर हनुमानगढ़ी के मंहत राजू दास ने विरोध करने का ऐलान किक्या है। मीडिया से राजू दास ने कहा कि, वो इस दौरे का विरोध करेंगे, शिवसेना को अब घड़ियाली आंसू बहाने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने आगे कहा, आदित्य ठाकरे का यह दौरा पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए है। उनके इस विरोध से निश्चित ही शिवसेना पार्टी के हिंदुत्व छवि को धूमिल करते हुए उनकी परेशानी को बढ़ाने में सहयोगी साबित होगी।

    विदित है, शिवसेना पार्टी प्रबल हिंदुत्व पार्टी होने का दंभ भरती है। हिदुओं की प्रमुख आस्था का केंद्रबिंदु अयोध्या आदित्य ठाकरे के पहले भी उनके कई नेता आ चुकें हैं। अब एक बार फिर आदित्य ठाकरे की अगवानी करने के लिए शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) पहले से ही अयोध्या पहुंचकर दौरे की व्यवस्था देख रहें हैं। सांसद संजय राउत ने मीडिया से कहा, शिवसेना पार्टी मानती है कि, अयोध्या जाने से उन्हें नित नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने आदित्य ठाकरे के इस दौरे को पूरी तरह से धार्मिक बताया है।