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नई दिल्ली. जहां चांद के बाद अब भारत सूरज की ओर जोश-खरोश के साथ देख रहा है। वहीं आगामी शनिवार यानी 2 सितंबर  को सूर्य के सीक्रेट्स पता करने आदित्य-L1 को भेजा जाएगा। जी हां, श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इस बाबत ISRO ने लॉन्च की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 

आदित्‍य -L1  को कल यानी शनिवार 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11:50 बजे लॉन्‍च किया जाएगा। लॉन्चिंग के बाद ISRO का ये स्‍पेसक्राफ्ट L1 पॉइंट तक की यात्रा तय करेगा। ऐसा भी माना जा रहा है आदित्य L-1 मिशन के जरिए सूर्य की गतिविधियों पर व्यापक जानकारी भी हासिल की जा सकती है। 

इस स्‍पेसक्राफ्ट को L1 पॉइंट  तक पहुंचने में लगभग चार महीने का समय लगेगा। इसी L1 पॉइंट के पास हैलो ऑर्बिट का फायदा यह है कि यहां से यह उपग्रह बिना किसी बाधा के सूर्य की गतिविधियों का आराम से अवलोकन कर सकता है। 

क्या है लैग्रेंज प्वाइंट (L1 पॉइंट) 

दरअसल धरती से सूरज की दूरी तकरीबन 15 करोड़ किलोमीटर है। इस दूरी के बीच पांच लैग्रेंज पॉइंट्स हैं। जिन्हें L1, L2, L3, L4 और L5 पॉइंट के नाम से जाना जाता है। इनका नाम 18वीं सदी के महान इतालवी खगोलशास्त्री और गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है। 

जानकारी दें कि, L1, L2, L3 स्थिर नहीं है। इनकी स्थिति हमेशा बदलती रहती है। लेकिन L4 और L5 पॉइंट स्थिर है और ये दोनों अपनी स्थिति नहीं बदलते हैं। L1 इसका पहला पॉइंट है, जो धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। L1 पॉइंट को लैग्रेंजियन पॉइंट, लैग्रेंज पॉइंट, लिबरेशन पॉइंट या L-पॉइंट के तौर पर भी जाना जाता है। 

यहां देखें प्रक्षेपण

वहीं आदित्य एल-1 मिशन, सूर्य पर हवा और वातावरण का गहन अध्ययन करेगा। इस पर सात पेलोड लगे हैं। ISRO ने लोगों से इस उपग्रह के प्रक्षेपण के साक्षी बनने का आग्रह किया है। लोग इन वेबसाइट पर प्रक्षेपण भी देख सकते हैं।