
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर राजनीति तेज हो गई है। गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर हमला बोलते हुए उन्हें किसान विरोधी (Anti farmer) बताया। राहुल के इस आरोप पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “वह जो बातें करते हैं, उन्हें कांग्रेस ही गंभीरता से नहीं लेती है।”
Whatever Rahul Gandhi says, even Congress doesn’t take it seriously. Today when he went to register his protest with President with signatures, these farmers told me that no one from Congress came to them to get their signature: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/V5fWXLGOec pic.twitter.com/rpWbA1XwRr
— ANI (@ANI) December 24, 2020
ज्ञात हो कि, आज गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन भी सौंपा है। इस दौरान उनके साथ राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे।
राहुल गांधी किसान विरोधी
कृषि मंत्री ने कहा, “आज जब वे हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति के पास अपना विरोध दर्ज कराने गए, तो इन किसानों ने मुझसे कहा कि कांग्रेस से कोई भी उनके पास अपना हस्ताक्षर लेने नहीं आया।” उन्होंने आगे कहा, “अगर राहुल गांधी इतने चिंतित होते, तो किसानों के लिए कुछ कर सकते थे, जब उनकी सरकार सत्ता में थी। कांग्रेस का चरित्र हमेशा किसान विरोधी रहा है।”
If Rahul Gandhi was so worried, then he could have done something for farmers, when his govt was in power. Congress’ character has always been anti-farmer: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on Congress leader Rahul Gandhi meeting President today over Farm Laws https://t.co/v4ZT271Ycz pic.twitter.com/0co7sBvk0D
— ANI (@ANI) December 24, 2020
केरल के किसान पंजाब से अलग है क्या?
इसके पहले भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “राहुल गांधी कहते हैं कि हम किसान के साथ खड़े हैं। राहुल गांधी जी आप केरल के वायनाड से सासंद हैं। क्या केरल में APMC एक्ट है? अगर नहीं तो वहां के किसानों के साथ क्यों नहीं खड़े हैं? यह कैसे संभव है कि कोई चीज केरल के लिए अच्छी है और दिल्ली में खराब है।”
किसान संगठनों ने की कृषि मंत्री से मुलाकात
कृषि कानूनों के समर्थन में आज फिर किसान प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है. इस बैठक में किसान मजदूर संघ के 60 प्रतिनिधि शामिल थे. बैठक के बाद बाहर निकले कृषि मंत्री ने कहा, “बागपत से आए सभी किसानों ने तीनों कृषि कानून का समर्थन किया है. अपना समर्थन पत्र देते हुए सभी ने किसी के भी दवाब में नहीं झुकना चाहिए।”