देखिए भारत की ‘शौर्य गाथा’ फोर्ट-विलियम की आँखों से

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कोलकाता. इस बार सेना के पूर्वी कमान ने ‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) के 50 वें वर्ष की जयंती को मनाने का फैसला आम जनता से दूर ‘फोर्ट विलियम’ (Fort William) के परिसर में करने का फैसला किया है। फोर्ट विलियम कोलकाता (Kolkata) में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना एक किला है, जिसे ब्रिटिश राज के दौरान बनवाया गया था। इसे इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर बनवाया गया था। इसके सामने ही मैदान है, जो कि किले का ही भाग है और कलकत्ता का सबसे बड़ा शहरी पार्क है। 

इसकी विशाल संरचना 532 बीघा भूमि पर बनी है और वर्ष 1781 में यह अस्तित्व में आई थी। इसका निर्माण रॉबर्ट क्लाइव ने किया था और इसका नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था। वर्मान में यह भारतीय सेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय है। नागरिक सुरक्षा कारणों से आम नागरिक इसमें प्रवेश नहीं कर सकते। 

आइये देखते हैं ‘फोर्ट विलियम’ के आँखों से इसके शानदार इतिहास को:

विजय स्मारक: फोर्ट विलियम के पूर्वी द्वार के दाईं ओर यह स्मारक दिखाई दे जाता है। वहीं इस स्मारक के पास एक सुन्दर से वाटिका भी है। इस स्मारक को 1996 में भारत-पाक युद्ध में 1971 की भारत की जीत की याद में बनाया गया था। इस स्मारक की संरचना के तीन स्तंभ भारतीय सशस्त्र सेना के तीन सबसे महत्वपूर्ण अंगो को चित्रित करते हैं – थल सेना, नौसेना और वायुसेना।

डलहौज़ी बैरक: यह खूबसूरत सफेद इमारत साल 1856 में बनाई गई थी और यह फोर्ट विलियम की सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में से एक मानी जाती है। कहा जाता है यहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस को तीन दिनों तक कैदी के रूप में रखा गया था। जिसके विरोध में जब ‘आजाद हिंद फौज’ के संस्थापक ने ‘भूख हड़ताल’ की। बाद में, नेताजी को उनके एल्गिन रोड निवास में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से वे अंग्रेजों के चुंगुल से भाग निकले थे।

नियाज़ी की कार: साल 1940 की इस विंटेज कार का इतिहास भी खूब है। इस कार का इस्तेमाल पूर्वी पाकिस्तान सेना के कमांडर और आखिरी गवर्नर नियाज़ी ने किया था। इस कार को 1971 के युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान सेना के एक टैंक और एक उच्च कैलिबर बंदूक के साथ पकड़ा था। फिलहाल इन्हें डलहौज़ी बैरक के सटे मैदान में रखा गया है।

Courtsey: TOI 

सेंट पीटर्स चर्च: यह चर्च कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में ट्रिनिटी हॉल के प्रसिद्ध चैपल से भी मिलता-जुलता है। इतिहास में झांके तो यह कोलकाता के ब्रिटिश नागरिकों के लिए एक उपासना केंद्र के रूप में कार्य करता था। ग्रीक वास्तुकला की सफेद गोथिक शैली, फोर्ट विलियम के अष्टकोणीय परिसर के केंद्र में स्थित और बहुत ही खुबसूरत है। फिलहाल इस खुबसूरत चैपल को एक लाइब्रेरी में बदल दिया गया है, जिसे ‘कमांड लाइब्रेरी’ भी कहा जाता है। इस पुस्तकालय में  35,000 पुस्तकों और 64 अत्यंत दुर्लभ पुस्तकों का अद्भुत संग्रह है।

किचनर हाउस: साल  1771 में निर्मित इस चार मंजिला गोथिक और जॉर्जियाई शैली की इमारत का नामांकरण एच।एच किचनर के नाम पर रखा गया था, जो खार्तूम के पहले अर्ल थे और बाद में वे ‘फोर्ट विलियम’ के प्रमुख भी बने। गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने इस भवन में अपने जीवन के 14 साल बिताए। फिलहाल, इस भव्य इमारत का उपयोग अधिकारियों के ‘मेस’ के रूप में किया जाता है।

Courtsey: TOI 

फोर्ट विलियम में रहने वाले सैन्य कर्मियों की सुविधा के लिए, कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इनमें एक स्विमिंग पूल, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, कपड़े धोने, रेस्तरां, आउटडोर खेल का मैदान और एक डाकघर शामिल हैं। इस भव्य परिसर के भीतर एक 9-होल गोल्फ कोर्स भी है।