diwali

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    नयी दिल्ली. जहाँ दिवाली (Diwali) की रात हुई जबरदस्त आतिशबाजी (Crackers) से अब देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) गंभीर स्तर पर पहुंच चूका है। वहीं दिवाली पर पटाखों के बैन का कोई भी असर हमेशा की तरह इस बार भी नहीं दिखा और देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर पटाखें और आतिशबाजी जलाए गए। इसका नतीजा वही सिफर रहा और चारों ओर आसमान में प्रदूषण ही प्रदूषण फैल गया। बीते शुक्रवार सुबह उत्तर भारत के कई शहर धुंध की मोटी चादर में लिपटे रहे थे। तो वहीं लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की जैसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। इधर NCR में भी धूंध की मोटी चादर देखी गई थी। 

    देश में इस प्रकार रहा आतिशबाजियों से वायु प्रदुषण 

    वाराणसी: हवा हुई 6 गुना अधिक जहरीली 

    इस बार दिवाली पर बनारस में वायु गुणवत्ता बेहद ही खराब रही। सामान्य से 6 गुना अधिक वायु प्रदूषण से शहर के लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया। गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 204, भेलूपुर में 179, बीएचयू में 117 और मलदहिया में 225 रहा। वहीं, शुक्रवार को यह क्रमश: 227, 230, 256 और 292 दर्ज किया गया। पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर बीते गुरुवार को 384 तो शुक्रवार को 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा था।

    आगरा: अब देश का 5वां सबसे प्रदूषित शहर

    वहीं दीपावली पर जबरदस्त आतिशबाजी के चलते ताज नगरी की हवा में जहरीले रयासनों की मौजूदगी सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। नतीजा यही  कि गुरुवार को आगरा देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा था। यहाँ पीएम-2.5 कणों की मौजूदगी खतरनाक स्तर को भी पार कर गई। वहीं बीते शुक्रवार सुबह से आगरा धुंध की चादर में लिपटा रहा। शहर के 5 प्रमुख केंद्रों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर रहा।

    हरियाणा: गंभीर श्रेणी में पहुँच चूका वायु गुणवत्ता

    इधर दिवाली की अगली सुबह हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। जहाँ सोनीपत में एक्यूआई 411, रोहतक में 449 और हिसार में 421 दर्ज किया गया। वहीं, करनाल में 304 एक्यूआई के साथ वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। जबकि, अंबाला (268) और पंचकुला (157) में यह क्रमश: खराब व मध्यम श्रेणी में ही रही।

    पंजाब: जालंधर की आबोहवा हुई सबसे खतरनाक 

    ये भी बता दें कि पंजाब के कई शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों का सांस लेना भी यहाँ पर मुश्किल हो गया था। जालंधर में 348 एक्यूआई के साथ वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। वहीं, लुधियाना (300) और पटियाला (263) की आबोहवा खराब श्रेणी में रही। पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 152 था, जो कि मध्यम दर्जे की ही थी।

    कोलकाता: मध्यम से खराब श्रेणी में उतरी वायु गुणवत्ता

    इसी तरह पश्चिम बंगाल में काली पूजा पर दक्षिण कोलकाता के कुछ इलाकों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में पटाखे छोड़े जाने की घटनाएं बेहद कम ही सामने आईं। फिर भी कोलकाता की वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई। बेलीगंज में एक्यूआई 171, बिधाननगर में 227, फोर्ट विलियम में 189, जाधवपुर में 229, विक्टोरिया मेमोरियल में 146 और रबींद्र सरोवर में 148 दर्ज किया गया था।

    झारखंड : रांची सहित कई शहरों की हवा ख़राब 

    इधर दीपावली पर आतिशबाजी के कारण झारखंड में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से दो गुना ज्यादा खराब दर्ज किया गया, जबकि ध्वनि प्रदूषण 45% तक अधिक रहा। जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद और दुमका जैसे शहरों में हवा तो जैसे दमघोंटू ही हो गई।

    चेन्नई : वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में 

    इसके सतह ही तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी दीपावली के बाद वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। पिछले साल की तुलना में चेन्नई में प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। गुरुवार सुबह 6 बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 6 बजे के बीच चेन्नई में औसत एक्यूआई 342 से 385 के बीच रहा है, जो बहुत ही खराब की श्रेणी में आता है।