नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सूबे का सियासी पारा गरमाया हुआ है। इसी कड़ी में अमित शाह खुद यूपी दौरे पर हैं। इसी बीच वाराणसी में केंद्रीय गृहमंत्री (Amit Shah in Varanasi) ने अखिल भारतीय राजभाषा सम्मलेन की शुरूआत की। साथ ही शाह ने हस्तकला संकुल का शुभारंभ भी किया। इस दौरान अमित शाह ने लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि मुझे गुजराती से ज्यादा प्यारी हिंदी भाषा है।
ज्ञात हो कि अमित शाह ने वाराणसी में कहा कि मुझे गुजराती से ज्यादा हिंदी भाषा पसंद है। हमें अपनी राजभाषा को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सब हिन्दी प्रेमियों के लिए ये संकल्प का वर्ष रहना चाहिए कि जब आज़ादी के 100 वर्ष हों तब देश में राजभाषा और सभी स्थानीय भाषाओं का दबदबा इतना बुलंद हो कि हमें किसी भी विदेशी भाषा का सहयोग लेने की जरूरत न पड़े। मैं मानता हूं कि ये काम आज़ादी के तुरंत बाद होना चाहिए था।
अमित शाह का बयान-
“I love Hindi language more than Gujarati. We need to strengthen our Rajbhasha,” Union Home Minister Amit Shah said while addressing ‘Akhil Bharatiya Rajbhasha Sammelan’ in Varanasi pic.twitter.com/t72S4aVYJL
— ANI UP (@ANINewsUP) November 13, 2021
वाराणसी में अमित शाह ने कहा कि हिन्दी और हमारी स्थानीय भाषाओं के बीच में कोई अंतर्विरोध नहीं है, हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं की सखी है। ये दोनों पूरक हैं। उन्होंने कहा कि राजभाषा को गति देने का जरिया अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को दिल्ली के गलियारों से बाहर निकालने का निर्णय हमने 2019 में ही कर लिया था लेकिन 2 साल कोरोना काल में हम नहीं कर पाए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जो देश अपनी भाषा खो देता है वो कालक्रम में अपनी सभ्यता, संस्कृति और अपने मौलिक चिंतन को भी खो देता है। जो देश अपने मौलिक चिंतन को खो देते हैं वो दुनिया को आगे बढ़ाने में योगदान नहीं कर सकते।