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    नई दिल्ली/मुंबई. एक बड़ी खबर के अनुसार इंडिया गेट (India Gate) पर बने अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की मशाल की लौ आज से यानी 21 जनवरी से जलना बंद हो जाएगी। आज यानी शुक्रवार को आयोजित होने वाले एक  कार्यक्रम में इस मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया जाएगा। इस बाबत भारतीय सेना के सूत्रों से यह खबर आयी है कि कि समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे। बाद में उनके द्वारा ही लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाया जाएगा.

    कब हुआ निर्माण 

    पता हो कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण साल 1972 में इंडिया गेट के नीचे 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था. हालाँकि इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में बनाया था। लेकिन फिर बाद में अमर जवान ज्योति को 1970 में पाकिस्तान पर भारत की बड़ी जीत के बाद युद्ध स्मारक में शामिल किया गया था। वहीं इंडिया गेट परिसर में बने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का 2019 में प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन किया गया था।  

    किनके नाम हैं स्मारक में शामिल 

    गौरतलब है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने 1947-48 से विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है। वहीं पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध और गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष साथ ही विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभियानों में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी इस स्मारक की दीवारों पर शामिल हैं।

    जानें अमर जवान ज्योति स्मारक के बारे में 

    यह भी पता हो कि अमर जवान ज्योति स्मारक के ऊपर एक उल्टी बंदूक और सैनिक का हेलमेट बना हुआ है. जिसके बगल में ही एक शाश्वत ज्योति (कभी नहीं बुझने वाली आग की लौ) जल रही है. जब साल 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, तो यह बड़ा निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी.